दुर्गा पूजा आते ही इस कंपनी की हो गई चांदी, अब रात-दिन चल रहा है काम, जानें वजह

रजत भट्ट/गोरखपुरः गोरखपुर में मौजूद गीता प्रेस विश्व की इकलौती ऐसी संस्था है जो 1923 से हिंदू धर्म के तमाम धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करती है. गीता प्रेस एक ऐसी संस्था है जहां से श्रीमद् भागवत गीता के साथ श्री रामचरितमानस, सुंदरकांड, शिव पुराण जैसे कई धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है. वहीं हर वक्त उनकी छपाई भी यहां चलती रहती है. वहीं हिंदू त्योहारों के आने पर उससे संबंधित धार्मिक पुस्तकों की छपाई में तेजी की जाती है. इस बार नवरात्र में भी गीता प्रेस में लगभग 3:50 लाख दुर्गा सप्तशती छापी जा रही है.

यूं तो गीता प्रेस में आमतौर पर हर वक्त कई धार्मिक पुस्तकों की छपाई का काम चलाते रहता है. लेकिन वहीं फेस्टिवल आने पर उससे संबंधित धार्मिक पुस्तकों की डिमांड कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है. वहीं गीता प्रेस के प्रोडक्शन मैनेजर आशुतोष उपाध्याय बताते हैं कि, इस बार नवरात्र में गीता प्रेस में 3:50 लाख दुर्गा सप्तशती की छपाई की जा रही है. जिसमें अब तक तीन लाख पुस्तकों की छपाई हो चुकी है और अभी भी बचे पुस्तकों की छपाई चल रही है. इसके साथ नवरात्र में रामचरितमानस की भी डिमांड होती है. उसके भी छपाई का काम तेजी से चल रहा है.

डिजिटल भी पढ़ सकते हैं पुस्तक
वहीं गीता प्रेस में छपने वाले धार्मिक पुस्तकों को खरीदने के लिए गीता प्रेस मे बने स्टोर पर आना पड़ता है. साथ ही शहर में और भी छोटे-छोटे स्टोर हैं जहां पर इन धार्मिक पुस्तकों को सेल किया जाता है. लेकिन वही अब दुनिया डिजिटल की ओर शिफ्ट हो रही है तो, अब गीता प्रेस भी अपनी पुस्तकों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर रही है. जहां से पुस्तकों को डाउनलोड कर पढ़ा जा सकता है. अब तक 100 से अधिक पुस्तकों को वहां पर अपलोड किया गया है. वहीं जल्दी ऐप बनाकर भी इसका संचालन शुरू किया जाएगा. ताकि पाठकों को और भी सुविधा दी जा सके.

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