ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश:ऋषिकेश योग और ध्यान का केंद्र है. यहीं योग नगरी ध्यान के साथ ही आयुर्वेद के लिए भी प्रसिद्ध है. आयुर्वेद हमारी सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति में से एक है. पर इस चिकित्सा पद्धति का ज्यादा प्रचलन नहीं था. वहीं दूसरी तरफ बात करें एलोपैथी की तो एलोपैथी आयुर्वेद से काफी आगे निकल गई है. पर इन दिनों लोग एलोपैथी से हटकर आयुर्वेद के ओर बढ़ने लगे हैं.
दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति
लोकल 18 के साथ हुई बातचीत के दौरान डिवाइन सपा एंड रिसोर्ट के सपा मैनेजर एवं वेलनेस थेरेपिस्ट मनीष थपलियाल बताते हैं कि ऋषिकेश योग के साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. देश विदेश से आए पर्यटक यहां इस चिकित्सा पद्धति की ओर आकर्षित हो रहे हैं. आयुर्वेद कोई आज की थेरेपी नहीं है, ये हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति हैं जो बिमारियों को जड़ से समाप्त कर देता है. वहीं एलोपैथी कुछ हद तक ही बीमारियों का समापन कर पाती हैं. इस ट्रीटमेंट की सबसे अच्छी बात ये है कि इसके कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं है इसीलिए इन दिनों सभी आयुर्वेद के ओर बढ़ रहे हैं. वहीं बात की जाए एलोपैथी या अन्य थेरेपी की तो कई लोगो में इन दवाईयों के साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं.
ऑर्गेनिक और प्राकृतिक तरीकों से किया जाता है उपचार
मनीष बताते हैं कि आयुर्वेदिक इलाजों से हमरी लाइफस्टाइल में कई बदलाव देखने को मिलते हैं. आयुर्वेद हमारे स्वास्थ्य के साथ ही हमारे खान-पान में भी सुधार लाता है जिससे हम कई सारी बिमारियों से दूर रहते हैं और हमारी चर्बी भी कम होती हैं. ऑर्गेनिक और प्राकृतिक तरीकों से हमारे स्वास्थ्य के साथ ही हमारा मन शांत होता है जिससे हम डिप्रेशन, एंजाइटी जैसी बिमारियों की चपेट में नहीं आते. साथ ही ये हमारी त्वचा में भी निखार लाता है. वे बताते हैं कि इस थैरेपी में किसी भी केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता इसी वजह से ये बिलकुल भी हानिकारक नहीं है. इसमें जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो समय के साथ बिमारी को जड़ से मिटा देता है.
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FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 12:33 IST