Ranthambore News: सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए रविवाक को एक बार फिर से एक दुःखद खबर सामने आई. पहले बाघिन T – 99 के मृत शावक के मरने की खबर से माहौल गंभीर था, वही बाघिन टी-60 की रविवार को अकाल मौत से रणथम्भौर नेशनल पार्क में मायूसी छा गई.
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, गस्त के दौरान वन कर्मियों को रणथंभौर के गुढ़ा वन क्षेत्र में बाघिन टी 60 का शव पड़ा हुआ मिला. बाघिन टी 60 का शव देख वनकर्मियों ने विभागीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सूचना पर वनाधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघिन के शव को कब्जे में कर राजबाग नाका लाए , जहां बाघिन टी 60 के शव का पशु चिकित्सकों की टीम के जरिए पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
बाघिन टी-60 की अकाल मौत को लेकर वेटरनरी डॉक्टर राजीव गर्ग ने बताया कि, बाघिन शावक जन्म देने के प्रयास कर रही थी, लेकिन बाघिन शावक को जन्म नहीं दे पाई. बाघिन के शावक को जन्म देने के दौरान शावक का मुंह बाहर और शरीर अंदर गर्भनाल में फस गया और बाघिन की मौत हो गई.
जुनियर इंदू पड़ा नाम
डॉ. राजीव गर्ग ने आगे बताया कि, बाघिन के किसी भी आंतरिक भाग में किसी भी तरह की कोई चोट का निशान नहीं मिला है. बाघिन की मौत शावक को जन्म देने के दौरान शव के गर्भनाल में फंसने की वजह से हुई है. वन अधिकारियों के मुताबिक बाघिन टी-60, बाघिन टी-31 की संतान थी. बाघिन टी-31 को रणथंभौर में इंदु के नाम से भी जाना जाती थी. ऐसे में बाघिन टी-60 को वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों ने जुनियर इंदू नाम भी दिया गया था.
शावक को जन्म देने के दौरान ही मौत
वनाधिकारियों के मुताबिक, रणथम्भौर के नॉन ट्यूरिज्म क्षेत्र में बाघिन टी-60 हमेशा घूमती थी. 4 मार्च 2016 को पहली बार बाघिन टी 60 तीन शावकों के साथ नजर आई थी. इसके बाद अप्रैल 2019 में बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया, लेकिन इस बार बाघिन टी 60 शावक को जन्म देने के दौरान ही मौत हो गई.
गौरतलब है कि, रणथंभौर में वनाधिकारियों का सारा ध्यान पर्यटन पर है , ऐसे में बाघ-बाघिन की सही तरह से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण लगातार किसी ना किसी वजह से रणथंभौर में बाघ-बाघिनों की मौत हो रही है. टी 60 की मौत से एक दिन पहले ही रणथंभौर की फलौदी रेंज में बाघिन टी 99 ऐश्वर्य का गर्भपात हो गया.
टी 99 के गर्भवती होने की सूचना से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर थी ,लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं रही और कुछ घंटों बाद ही बाघिन टी 99 के गर्भपात की दुखद खबर सामने आई. और रविवार को एक बार फिर बाघिन टी 60 की अकाल मौत हो गई. रणथंभौर में लगातार बाघ-बाघिनों की मौत का होना कहीं ना कहीं वन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है.