अर्पित बड़कुल, दमोह: मध्यप्रदेश के दमोह जिले में मीठा खाने का रिवाज त्योहारों पर अति प्रासंगिक है. यही कारण है कि शहर के घण्टाघर पर नई नई वैराइटी की मिठाइयों से बाजार चमका हुआ है. ग्रामीण इलाके के लोग हो या शहरी हमेशा कुछ नए की तलाश में अक्सर नजर आते हैं. इन दिनों दमोह की प्रसिद्ध मिठाई कलाकंद और खोवे की जलेबी की खरीदारी के लिए लोग दुकान के बाहर घण्टो लाइन लगा रहे हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि पूरे जिले में करीब 90 फीसद लोग पशु पालन करते है,जिस कारण प्रत्येक घर में एक से दो पालतू मवेशियों का पालन किया जाता हैं. जिस वजह से घरों में तैयार होने वाला शुद्ध घी और मावा सीधे दुकानों तक पंहुचता है.जहां बनने वाली अलग अलग वैराइटी की मिठाइयों के स्वाद में मिठास छुपी होती है.
रंग बिरंगी मिठाइयों से सजा शहर का बाजार
शहर के हर गली नुक्कड़ पर आकर्षक रंग बिरंगी मिठाइयों की दुकाने सजी हुई है. मिठाई खरीदने आई महिला प्रतिभा चौबे ने बताया कि मेरा बचपन यहीं घण्टाघर की गलियों में बीता है.जहां सजी मिठाइयों की दुकानों का एक अलग ही स्वाद होता है.जब मैं छोटी थी तो मम्मी पापा के साथ आया करती थी.इस बार दीवाली में मां लक्ष्मी के लिए खोबा,लड्डू,जलेबी और बर्फी सभी मिठाइयों का भोग लगाने की रुचि है.
मिठाई की दुकान सजाने वाले दुकानदार ने बताया कि बुंदेलखंड अंचलो में तैयार होने वाला शुद्ध मावा मिठाइयों के स्वाद को बढ़ा देता है.इसे पहाड़ी खोवा भी कहते हैं. खासकर दीपावली में खोवे की जलेबी की डिमांड काफी रहती है. खोवा स्थानीय होने के चलते मिठाइयों के दाम काफी कम होते हैं. 200 से 250 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिठाइयां हमारी दुकान पर उपलब्ध है. इसकी मांग बेहद जोरों पर है.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 19:31 IST