पवन सिंह कुंवर/ हल्द्वानी. इस साल दीवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. दीपावली में दीयों से घरों को सजाया जाता है. मिट्टी के दीयों को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. घर के मंदिर से लेकर आंगन, छत समेत पूरे घर में दीपक जलाए जाते हैं. घर में गोवर्धन पूजा और फिर भाईदूज तक दीये जलाने चाहिए. अब सवाल उठता है कि त्योहार में जलाए गए दीयों का क्या करना चाहिए, जिससे घर में बरकत बनी रहे. मान्यता है कि जले हुए दीयों को अगले दिन कूड़े में बिल्कुल नहीं फेंकना चाहिए, इससे लक्ष्मी माता रुष्ट हो सकती हैं और इसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
रोशनी के महापर्व दीवाली पर हर कोई अपने घर को दीयों की रोशनी से रोशन करता है. ज्यादातर लोग दीवाली के बाद जले हुए दीयों को फेंक देते हैं या उन्हें कचड़े में डाल देते हैं. कुछ लोग दीवाली के दीये संभालकर रखते हैं और अगले साल फिर से उनका प्रयोग करते हैं. जले दीपक के कुछ उपाय आपके घर की नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं.
जले हुए दीपक में क्यों बनाया जाता है काजल?
उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी पंडित कमल पांडे ने ‘लोकल 18’ को बताया कि दीपावली में जो दीये जलाए जाते हैं, उन दीयों को कभी भी कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए. वहीं बहुत से लोग दीयों को बहते जल में प्रवाहित करते हैं लेकिन इन दीयों को नदी में भी प्रवाहित नहीं करना चाहिए. इस्तेमाल किए हुए पांच दीयों को घर में रखें और बाकी बच्चों में बांट दें. इसके साथ उन्हें कुछ मीठा भी दें. ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. वहींजले दीपक में काजल बनाएं. ऐसा माना जाता है कि यह काजल लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और उनके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. LOCAL 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 17:11 IST