दीपावली पर इस कलाकंद की रहती है सबसे अधिक डिमांड, शुद्ध मावे से होती है तैयार

मनीष पुरी/भरतपुर : दीपावली आते ही भरतपुर के बाजारों में रौनक एवं चहल पहल दिखाई देने लगी है. और मिठाइयों की दुकानों पर भिड़े एवं मिठाइयां बिकने लगी है. तो वहीं दूसरी ओर भरतपुर में मिल रहे हैं देसी कलाकंद की डिमांड सर्वाधिक देखने को मिल रही है.

भरतपुर में देसी कलाकंद को लोग काफी ज्यादा पसंद करते हैं. इसलिए इस कलाकंद की सर्वाधिक बिक्री एवं डिमांड रहती है. खासकर दीपावली पर इस कलाकंद की डिमांड अधिक रहती है. लोग दीपावली के त्योहार पर इस कलाकंद को काफी ज्यादा पसंद करते हैं. अपने घरों के लिए लेकर जाते हैं. अधिकतर मिठाई के तौर पर यह देसी कलाकंद ही काफी पसंद किया जाता है.

320 रुपए किलो रहती है रेट

भरतपुर में इस कलाकंद की रेट ₹320 रुपये किलो रहती है. जो कि शुद्ध एवं स्वच्छ तरीके से बनाया जाता है. दुकानदार बताते है.कि दीपावली पर अधिकतर ग्रामीण लोग इसी कलाकंद को पसंद करते हैं.और अपने घरों के लिए लेकर जाते हैं. इस कलाकंद की डिमांड इतनी है कि यह भरतपुर के अलावा आसपास के इलाकों में भी और अन्य जिलों में भी जाता है तथा दूर-दूर के लोग भी यह काफी पसंद है. जयपुर दिल्ली मुंबई में भी इसकी काफी ज्यादा डिमांड रहती है.

भरतपुर में है इसकी सबसे अधिक डिमांड

अब दीपावली आते ही लोग अपने घरों के लिए मिठाई के तौर पर ज्यादातर इसी कलाकंद को खरीदने हैं. भरतपुर के बाजारों में मिठाइयों की दुकानों पर खूब भीड़ दिखाने को मिल रही है. लोग इस कलाकंद को बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इसलिए इसकी भरतपुर में सर्वाधिक डिमांड रहती है.

यह कलाकंद दूध का मावा बनाकर और चीनी की चाशनी बनाकर के दोनों को मिश्रित करके तैयार किया जाता है. और इसे 7 से 8 घंटे के लिए बनने के लिए एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया जाता है.

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