दिव्या केस: 15 दिन बाद बड़ी कामयाबी, पालम विहार में झाड़ियों से मिला अहम सुराग

गुरुग्राम. पुलिस ने वह हथियार बरामद कर लिया है, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर गुरुग्राम की पूर्व मॉडल और मारे गए गैंगस्टर संदीप गडोली की प्रेमिका दिव्या पाहुजा की यहां एक होटल में गोली मारकर हत्या करने में किया गया था. हथियार 15 दिन बाद बरामद किया गया है.

27 साल उम्र की पूर्व मॉडल दिव्या की होटल सिटी प्वॉइंट के मालिक अभिजीत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह इसी होटल के एक कमरे में रह रही थी. पुलिस के मुताबिक, दिव्या और अभिजीत रिलेशनशिप में थे. उसने 2 जनवरी को गुस्से में आकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी, क्योंकि उसने अपने मोबाइल फोन से उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने से इनकार कर दिया था.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिव्या की हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया हथियार गुरुग्राम नगर निकाय कर्मियों के साथ एक पुलिस टीम द्वारा की गई तलाशी के बाद बरामद किया गया. पुलिस ने पुरानी दिल्ली रोड पर पालम विहार मोड़ के पास झाड़ियों से एक पिस्तौल और एक जिंदा कारतूस बरामद किया है.

एसीपी (अपराध) वरुण दहिया ने कहा, “मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह की निशानदेही पर हथियार बरामद किया गया. वह तलाशी अभियान के दौरान पुलिस के साथ था.” इस बीच, अभिजीत सिंह को बुधवार को आठ दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

गोली मारकर हत्या किए जाने के ग्यारह दिन बाद 13 जनवरी को दिव्या का शव हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में एक नहर से बरामद किया गया था और 14 जनवरी को उसके परिवार के सदस्यों ने उसका अंतिम संस्कार किया.

इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी बलराज गिल ने हालांकि पुलिस को बताया था कि उसने और रवि बंगा ने दिव्या के शव को पटियाला की बखरा नहर में फेंक दिया था. दिव्या के शव को ठिकाने लगाने के बाद 2 जनवरी से बलराज और अमित की तलाश में गुरुग्राम पुलिस की पांच टीमें लगी हुई थीं. दिव्या के शव की पहचान उसकी पीठ पर बने टैटू से हुई.

बलराज गिल की कोलकाता में गिरफ्तारी के बाद शव को ठिकाने लगाने के बारे में भी सुराग मिला. दिव्या की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह, उसके सहयोगी ओम प्रकाश, हेमराज, बलराज गिल, परवेश और एक युवती मेघा समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

महिला ने दिव्या के दस्तावेज और निजी सामान छिपाने में अभिजीत की मदद की थी. ओम प्रकाश और हेमराज ने अभिजीत को दिव्या के शव को बीएमडब्ल्यू कार के बूट में खींचने में मदद की थी. परवेश ने अभिजीत को ‘हत्या का हथियार’ मुहैया कराया था. दिव्या जेल में बंद गैंगस्टर बिंदर गुज्जर के जरिए अभिजीत के संपर्क में आई.

बिंदर गुज्जर को 2016 में मुंबई में हुई गुरुग्राम पुलिस के साथ गैंगस्टर संदीप गाडोली की कथित “फर्जी मुठभेड़” का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है. दिव्या इस मामले में मुख्य आरोपी थीं. बाद में उसे गैंगस्टर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने सात साल जेल में बिताए. उन्हें पिछले साल जून में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. दिव्या के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की साजिश अभिजीत के साथ मिलकर संदीप गाडोली के परिवार वालों ने रची थी.

Tags: Gurugram Police

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