दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहे गिरीश, नेशनल तक खेल रहे खिलाड़ी

अरशद खान/देहरादून: उत्तराखंड में दिव्यांग क्रिकेट को असल पहचान दिलाने के लिए क्रिकेट कोच गिरीश पटवाल पिछले 6 सालों से दिव्यांगजनों को क्रिकेट की कोचिंग दे रहे हैं. वह यह कार्य एकदम मुफ्त में कर रहे हैं और इसमें आने वाले खर्च को भी अपनी जेब से व्यय करते हैं. उनके पास उत्तराखंड राज्य से लगभग 160 दिव्यांग खिलाड़ी क्रिकेट की कोचिंग ले रहे हैं. क्रिकेट कोच गिरीश पटवाल दिव्यांग क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने का सपना रखते हैं और इसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.

लोकल 18 से बातचीत करते हुए क्रिकेट कोच गिरीश पटवाल ने बताया कि वह उत्तराखंड एक पहाड़ी जिले से आते हैं. अपनी शिक्षा दीक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर बनाने की सोची वह पूर्व रणजी प्लेयर रह चुके हैं और बीसीसीआई ‘लेवल-ए’ के कोच भी रहे हैं. उन्हें बचपन से ही दिव्यांग जनों के प्रति स्नेहा था और उनका यही स्नेह उनकी समाज सेवा का भी जरिया बना. यूं तो गिरीश पटवाल एक नॉर्मल क्रिकेट खिलाड़ियों के कोच हैं लेकिन उन्होंने दिव्यांग क्रिकेट को पहचान दिलाने के लिए दिव्यांगजनों को क्रिकेट की कोचिंग देना शुरू किया.

चार-पांच दिव्यांग खिलाड़ियों से कोचिंग की शुरुआत करते हुए आज गिरीश पटवाल के पास 160 दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी कोचिंग ले रहे हैं. गिरीश पटवाल का यह सफर सिर्फ कोचिंग तक ही सीमित नहीं है बल्कि वह अपनी दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन उत्तराखंड के माध्यम से कई दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट का भी आयोजन कर चुके हैं और निकट भविष्य में भी वह इस प्रकार के आयोजन करते रहेंगे. अक्टूबर माह में वह फिर से प्रदेश उत्तराखंड में एक बड़े दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन करने जा रहे हैं.

उत्तराखंड के डिसएबल क्रिकेट खिलाड़ियों को मुहैया कराया प्लेटफार्म

क्रिकेट कोच गिरीश पटवाल ने दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को कोचिंग के साथ-साथ कई टूर्नामेंट में हिस्सेदारी से उन्हें प्लेटफार्म भी दिया है. उनके इस प्रकार के आयोजनों से डिसएबल क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए कई मौके ईजाद हो रहे हैं. गिरीश पटवाल से कोचिंग लिए दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे हैं. उन्होंने उत्तराखंड में हिमाचल, दिल्ली व अन्य कई राज्यों की दिव्यांग क्रिकेट टीमों को बुलाकर टूर्नामेंट भी कराया है.

उन्होंने कहा कि समाज सेवी संस्था हंस फाउंडेशन उनके आयोजनों में उनकी काफी मदद करती है. गिरीश पटवाल ने उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य से दिव्यांग क्रिकेट को बढ़ावा देने की अपील की है साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए और दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को मैदान, क्रिकेट ड्रेस, आने-जाने की सुविधा और खान-पान की व्यवस्था करें.

नार्मल खिलाड़ियों के क्रिकेट से कितना अलग है दिव्यांग क्रिकेट

लोकल 18 से अपनी बातचीत में क्रिकेट कोच गिरीश पटवाल बताते हैं कि नॉर्मल क्रिकेट खिलाड़ियों के खेल से दिव्यांग क्रिकेट में सिर्फ कुछ नियमों का फर्क होता है. बाकी अन्य सभी चीज नॉर्मल क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह ही दिव्यांग क्रिकेट में भी लागू होती हैं. जैसे की स्टैंडिंग दिव्यांग क्रिकेट में ग्राउंड बैट बॉल सब नॉर्मल क्रिकेट की तरह ही होता है. व्हीलचेयर दिव्यांग क्रिकेट में बाउंड्री कम होती है और फील्ड भी छोटा होता है. वही ब्लाइंड दिव्यांग क्रिकेट में स्पेशल क्रिकेट बॉल का इस्तेमाल किया जाता है.

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