परमजीत कुमार/देवघर. रात के अंधेरे को दूर करने वाला प्रकाश का पर्व दीपावली है. इस दिन घरों में दीप जलाकर दीपावली का त्योहार पूरे धूमधाम से भारतवर्ष में मनाते हैं. हिंदू धर्म में दीपावली का महत्व ज्यादा है. माना जाता है कि पहली बार दीपावली का पर्व भगवान श्री राम जब रावण का वध कर अयोध्या वापस लौट रहे थे, तब अयोध्या की जनता ने भगवान राम के स्वागत के लिए त्योहार मनाया था. इसके साथ ही दीपावली के दिन माता लक्ष्मी भगवान गणेश और धन कुबेर की पूजा आराधना भी की जाती है.
दीवाली पर माता लक्ष्मी भगवान गणेश और धन कुबेर की पूजा आराधना पूरे विधि विधान के साथ करने पर जातक की हर मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं. इस दिन दीप जलाने की परंपरा है. लेकिन दीप जलाने के लिए कुछ नियमों का जानना जरूरी होता है. आइये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि दीपावली के दिन दीए जलाने के नियम क्या है.
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 कि इस साल दीपावली 12 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन दीए जलाने की परंपरा है. दीपावली के दिन दीये जलाना शुभ माना जाता है. वहीं दीये जलाकर खाली जमीन पर भूलकर भी ना रखें. फिर चाहे वह घर के प्रवेश द्वार पर हो या फिर माता लक्ष्मी के समक्ष. इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. दीये को जलाकर उसे आसन पर रखें. इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही दीपावली के दिन दीप जला कर पूरब दिशा में ही रखें.
दीये के निचे इन चीज़ो को बनाए आसन…
खड़ाचावलः हर शुभ कार्य करने से पहले आसनतै यार किया जाता है. दीये को चलाकर खाली जमीन पर नहीं रखना चाहिए. दीये को जलाकर खड़े चावल के ऊपर रखें, जो बेहद शुभ माना जाता है. दीये के नीचे रखे गए चावल दीये के आसन के सामान होता है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और आपकी किस्मत चमक जाएगी.
रोली अक्षतः दीये को जलाने के बाद दीये के नीचे रोली अक्षत जरूर रखें. इससे ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है. दीपावली के दिन अगर आप दीये के नीचे इन दोनों को रखते हैं तो आपके ग्रह मजबूत होंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 09:39 IST