दिवाली ऑफर, फेक कॉन्फ्रेंस, काला जादू… CM सोरेन पर ईडी ने इस तरह कसा शिकंजा

मधुपर्णा दास
नई दिल्ली.
झारखंड के भूमि और पत्थर खनन घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकंजा कसती दिख रही है. इस मामले की जांच के दौरान ईडी की टीम को कई अजीबोगरीब हालात से होकर गुजरना पड़ा. इसमें जांच एजेंसी को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के कर्मचारियों के नाम पर होटल बुक करने से लेकर एक कॉन्फ्रेंस की आड़ में छापे के लिए रांची में अधिकारियों को इकट्ठा करने और एक फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए उसकी पत्नी को दिवाली ऑफर का लालच तक देना. हद तो तब हो गई जब एक वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी ने कथित रूप से इन अधिकारियों के खिलाफ ‘काला जादू’ तक कराने की कोशिश की.

ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ झांरखंड के कम से कम आधा दर्जन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की जांच कर रही है. इस मामले की जांच अभी भी जारी है, लेकिन कहा जा रहा है कि ईडी का शिंकजा सोरेन और उनके कथित सहयोगियों के करीब पहुंच चुका है. पिछले दो वर्षों में झारखंड में ईडी का ऑपरेशन कैसे चला, यह समझने के लिए News18 ने एजेंसी के कई अधिकारियों और स्थानीय स्रोतों से बात की.

फर्जी नाम से बुक कराए कमरे
झारखंड को छापेमारी जैसे ऑपरेशन के लिए मुश्किल राज्यों में से एक माना जाता है, खासकर साहिबगंज जैसे दूरदराज के इलाकों में जहां पत्थर की खदानों की संख्या सबसे अधिक है. रांची और साहिबगंज के बीच की दूरी लगभग 435 किलोमीटर है और सड़क मार्ग जैसे स्थानों तक पहुंचने में लगभग 11 से 12 घंटे लगते हैं. जून 2022 में, ईडी ने इलाके में अपना पहला तलाशी और जब्ती अभियान शुरू किया.

इस ऑपरेशन की काफी फुलपूफ्र प्लानिंग की गई थी. ईडी चाहता था कि संवेदनशील स्थानों और उसके आसपास के इलाके के माहौल के कारण ऑपरेशन गोपनीय रहे. छापे से कुछ दिन पहले, लगभग 90 अधिकारियों को झारखंड भेजा गया था. उन्होंने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अधिकारियों के नाम पर साहिबगंज और उसके आसपास कमरे बुक कराए.

ये भी पढ़ें- ED के एक्शन के बाद से CM सोरेन लापता, फोन भी बंद, कोर्ट जाने की तैयारी में BJP

ईडी ने फिर केंद्रीय बलों से लगभग 150 सुरक्षाकर्मियों की भी मांग की और पश्चिम बंगाल के फरक्का सहित कई स्थानों से इलाके का रुख किया. इस पूरे ऑपरेशन को इस तरह प्लान किया गया था कि खनन माफिया को छापेमारी की कोई सूचना नहीं मिले.

जब एक फर्जी कॉन्फ्रेंस से बिछाया जाल
ईडी ने पिछले साल झारखंड के जिलों में भूमि घोटाला मामले के संबंध में एक और बड़ी छापेमारी की योजना बनाई थी और वह भी गुप्त रूप से हुई थी. निदेशालय ने 13 और 14 अप्रैल, 2023 को ‘मनी लॉन्ड्रिंग के दुष्प्रभाव और इससे निपटने के तरीके’ विषय पर एक कॉन्फ्रेंस का विज्ञापन छपवाया. इसके लिए सुबह 10 बजे का समय बताया गया था और आयोजन स्थल के रूप में प्रवर्तन निदेशालय के रांची ऑफिस का पता दिया गया था.

अधिकारियों ने इस सम्मेलन के लिए ‘प्रतिनिधियों’ का ‘स्वागत’ करते हुए जगह-जगह पोस्टर भी लगाए. इसके बाद विभिन्न केंद्रों के अधिकारी इस कथित सम्मेलन के लिए रांची पहुंचे. ऐसे में अचानक इतने सारे अधिकारियों के आने पर किसी को शक भी नहीं हुआ. इसके कुछ ही दिनों बाद छापेमारी हुई और भूमि खनन मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए. यहां यह बताने की जरूरत नहीं कि वहां कोई सम्मेलन नहीं हुआ था.

दिवाली ऑफर का दिया लालच
तीसरे गुप्त ऑपरेशन में ईडी की टीम ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया, जो मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है. यह आरोपी लंबे समय से फरार था और ईडी की तरफ से जारी किसी भी समन पर जवाब नहीं दिया था. ऐसे में अधिकारियों ने उसे पकड़ने के लिए नया जाल बिछाया. उन्होंने आरोपी की पत्नी को दिवाली ऑफर के प्रमोशनल कॉल करके लालच दिया.

ईडी अधिकारी ने खुद को मार्केटिंग कर्मी बताकर महिला को ‘दिवाली प्रमोशनल डील’ के रूप में कुछ गिफ्ट देने की पेशकश की. हालांकि इसके लिए एक शर्त यह रखी कि ये गिफ्ट उसे तभी मिलेंगे, जब वह अपने पति के साथ इसे लेने आएगी. इसके लिए यह दलील दी गई कि ये ऑफर केवल कपल के लिए है. ऐसे में वह आरोपी अपनी पत्नी के साथ गिफ्ट लेने के लिए बताई गई जगह पर पहुंचा तो वहां पहले से छिपे बैठे ईडी के अधिकारियों ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया.

काले जादू के लिए ‘हवन’
जांच के दौरान ईडी अधिकारियों को यह भी पता चला कि आरोपियों के परिवार वाले ईडी को अपने परिवार के सदस्यों से दूर रखने के लिए हवन सहित कई ‘अनुष्ठान’ कर रहे थे. आरोपियों

एजेंसी ने आरोपियों की उनके परिवार और दोस्तों के साथ टेलीफोन पर हुई कुछ बातचीत भी पकड़ी थी, जिसमें परिवार के सदस्यों ने ईडी अधिकारियों पर ‘जादू टोना’ करवाने की बात कर रहे थे.

दिवाली ऑफर, फेक कॉन्फ्रेंस, काला जादू... झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर ईडी ने इस तरह कसा शिकंजा

ऐसी ही एक बातचीत के दौरान, अधिकारियों को पता चला कि राज्य में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की पत्नी ने इसी तरह के अनुष्ठान किए थे. उसे उम्मीद थी कि इस काले जादू के जरिये वह यह एक खास अधिकारी को रांची में प्रवेश करने से रोक देंगी. एक अन्य आईएएस अधिकारी, जो अब सलाखों के पीछे है, ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ज्योतिषियों से सलाह मांगी थी और फिर उसने एक खास पूजा अनुष्ठान भी किया था. हालांकि कुछ ही समय बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.

Tags: Enforcement directorate, Hemant soren, Jharkhand news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *