दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक के सात चिकित्सकों सहित 26 कर्मचारियों को हटाया

यह पूछे जाने पर कि सिस्टम के साथ ऐसी छेड़छाड़ कैसे हुई होगी, उन्होंने कहा कि उन लोगों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता है जो सिस्टम में हेरफेर करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी तकनीक को अद्यतन करते रहते हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि सात मोहल्ला क्लीनिक में तैनात सात चिकित्सक और 19 कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया है क्योंकि यह पाया गया कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति प्रणाली में हेरफेर करने का प्रयास किया था।
भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सकों के देर से आने की शिकायतें थीं।
दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मोहल्ला क्लीनिक अरविंद केजरीवाल सरकार की प्रमुख पहलों में से एक है। एक सामान्य मोहल्ला क्लीनिक में एक चिकित्सक, एक दाई-सह-नर्स और अन्य सहायक कर्मचारी होते हैं, और वहां आने वाले मरीजों को कई प्रकार की जांच सेवाएं और आवश्यक दवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं।

भारद्वाज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चिकित्सकों और कर्मचारियों को सुबह आठ बजे से अपराह्न दो बजे तक मोहल्ला क्लीनिक में उपस्थित रहना होता है। हमने उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच करायी…यह पाया गया कि इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति प्रणाली में हेरफेर किया जा रहा था।’’
उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी देर से आते थे लेकिन सिस्टम यह ‘‘दिखाता था’’ कि वे सुबह आठ बजे पहुंच गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘(हमारी जांच में) सात मोहल्ला क्लीनिक में अनियमितताएं पाई गईं – पांच दक्षिण पश्चिम जिले में, एक उत्तरपूर्व जिले में और एक शाहदरा में। कुल मिलाकर सात चिकित्सकों सहित 26 कर्मचारियों को पैनल से हटा दिया गया है।’’
वर्तमान में दिल्ली में कुल 533 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक कार्यरत हैं।

भारद्वाज ने कहा कि प्रस्तुत की गई छवियों में विसंगतियां या विषमताएं पाए जाने के बाद अनियमितताएं देखी गईं, जैसे कि उसी दिन कपड़ों में बदलाव या स्कैन छवि में किसी तस्वीर से ली गई फोटो का मिलना।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सात चिकित्सकों के अलावा, हटाए गए शेष कर्मचारियों में छह फार्मासिस्ट, छह क्लीनिक सहायक और सात अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
दिल्ली के मंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर बहुत गंभीर है कि ऐसे क्लीनिक में तैनात कर्मचारी जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें और कोई लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
यह पूछे जाने पर कि सिस्टम के साथ ऐसी छेड़छाड़ कैसे हुई होगी, उन्होंने कहा कि उन लोगों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता है जो सिस्टम में हेरफेर करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी तकनीक को अद्यतन करते रहते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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