दिल्ली में ₹75/किलो तक पहुंचे प्याज के दाम: यहां एक हफ्ते में दोगुनी हुई कीमत, अन्य शहरों में भी तेजी से बढ़ रहीं कीमतें

नई दिल्ली17 घंटे पहले

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नवरात्रि के बाद से देशभर में प्याज के दाम अचानक बढ़ने लगे हैं। राजधानी दिल्ली में बीते एक हफ्ते में प्याज की कीमतों में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। यहां अलग-अलग बाजारों में प्याज की खुदरा कीमतें ₹75/किलो तक पहुंच गई हैं।

वहीं महाराष्ट्र की लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी यानी APMC मार्केट में प्याज की थोक कीमतें पिछले 15 दिन में 58% से 60% तक बढ़ गई हैं। इसके अलावा बेंगलुरु के यशवंतपुर APMC में इसकी कीमतें 65 से 70 रुपए किलो तक पहुंच गईं हैं।

मध्य प्रदेश में 40/किलो हुआ दाम
मध्य प्रदेश में 1 अक्टूबर को रिटेल मार्केट में प्याज 28 रुपए किलो बिक रहा था। नवरात्रि की शुरुआत में कीमतें 29 रुपए हुईं। वहीं 28 अक्टूबर को इसमें बड़ी बढ़त देखने को मिल रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां खुदरा बाजार में प्याज 40 रुपए किलो मिल रहा है।

NCCF और नेफेड में 25 रुपए किलो प्याज बेच रही सरकार
इस बीच कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (NCCF) और नेफेड जैसी सरकारी बिक्री केंद्रों पर 25 रुपए किलो के रेट से प्याज बेच रही है। सरकार का अनुमान है कि कीमतों में बढ़ोतरी नवंबर तक जारी रह सकती है।

100 रुपए किलो तक हो सकते हैं दाम
दिल्ली के गाजियाबाद में एक ट्रेडर ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि आज यानी 28 अक्टूबर को यहां प्याज की कीमत 70 रुपए किलो है। कल यह 60 रुपए थी, एक हफ्ते पहले कीमतें 32, 37 और 40 रुपए प्रति किलो तक थीं। वहीं एक रिटेल वेंडर ने बताया कि प्याज की कीमतें 100 रुपए किलो तक भी जा सकती हैं।

क्यों बढ़ रही हैं प्याज की कीमतें?

  • 15 दिनों में 40% तक गिरी प्याज की आवक: बीते 15 दिनों में प्याज की आवक में 40% तक की गिरावट देखी गई है। सामान्य दिनों रोजाना लगभग 400 गाड़ी प्याज की आवक होती है। यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों में 150 कम होकर 250 रह गया है। एक गाड़ी में करीब 10 टन प्याज लोड होता है। इस हिसाब से रोजाना करीब 1500 टन कम प्याज मार्केट में आ रही है।
  • बेमौसम बरसात से बुआई में देरी: देश में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाले राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सामान्य से कम बारिश के चलते उत्पादन कम हुआ है। साथ ही बेमौसम बरसात के कारण बुआई में भी देरी हुई है। इससे सप्लाई भी देरी से होगी।
  • बीते सालों में नुकसान के चलते बुआई कम हुई : जानकारों का मानना है कि पिछले दो सालों में दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम हुई है क्योंकि पिछले दो साल में किसानों को नुकसान हुआ है।

सरकार ने कहा- सप्लाई बढ़ाकर कम किए जा रहे दाम
बढ़ती कीमतों पर कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने कहा कि राज्यों के थोक और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज का एक्स्ट्रा स्टॉक भेजा जा रहा है। सरकार ने बताया कि अगस्त के बीच में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, उत्तराखंड, बिहार सहित 16 राज्यों में 1.74 लाख टन प्याज का स्टॉक भेजा गया था।

8 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदेगी सरकार
वहीं मिनिस्ट्री से जुड़े लोगों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि सरकार ने 5.07 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा प्याज खरीदा है और आने वाले दिनों में 3 लाख मीट्रिक टन और खरीदने वाली है। इसके बाद प्याज की कीमतों को कंट्रोल में किया जा सकेगा।

नवंबर तक बढ़ेंगे दाम, दिसंबर में कम हो सकते हैं
कंज्यूमर अफेयर सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने PTI को बताया कि सरकार मध्य अगस्त से बफर प्याज की सप्लाई बढ़ा रही है। साथ ही कीमतें कम करने के लिए खुदरा बिक्री भी बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि कीमतें अगले महीने यानी नवंबर तक बढ़ सकती हैं, लेकिन दिसंबर में इसमें गिरावट आने लगेगी।

सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट पर लगाई 66,730 रुपए/टन ड्यूटी
आज यानी शनिवार 28 अक्टूबर को सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 66,730 रुपए/टन के रेट से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगा दिया है। DGFT ने एक नोटिफिकेशन के जरिए इसकी जानकारी दी है। एक्सपोर्ट पर ड्यूटी का यह नया नियम कल यानी 29 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2023 तक लागू रहेगा।

आज यानी शनिवार 28 अक्टूबर को सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 66,730 रुपए/टन के रेट से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगा दिया है।

आज यानी शनिवार 28 अक्टूबर को सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 66,730 रुपए/टन के रेट से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगा दिया है।

सरकार ने अगस्त में 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी
इससे पहले केंद्र सरकार ने अगस्त में प्याज के एक्सपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगाई थी, ताकि प्याज की आवक में देरी होने पर भी कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके।

अगस्त के पहले प्याज के एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार का यह आदेश 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।

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