‘दिल्ली में लागू रहेंगे GRAP-1 और GRAP-2 के नियम’, गोपाल राय बोले- प्रदूषण स्तर में हो सकता है उतार-चढ़ाव

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ANI

मंत्री ने यह भी बताया कि 13 हॉटस्पॉट्स पर वर्तमान में बरती जा रही सावधानियां जारी रहेंगी। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध हटा दिया गया है और निर्माण और विध्वंस पर प्रतिबंध हटा दिया गया है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने सभी संबंधित विभागों को जीआरएपी स्टेज- I और स्टेज- II के तहत प्रतिबंधों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही थी। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगर हवा की गति धीमी पड़ती है तो आगे भी AQI के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसी स्थिति न पैदा हो इसलिए दिल्ली में पर्यावरण विभाग ने GRAP 1 और 2 के तहत उपायों को लागू करने का आदेश जारी किया है। 

मंत्री ने यह भी बताया कि 13 हॉटस्पॉट्स पर वर्तमान में बरती जा रही सावधानियां जारी रहेंगी। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध हटा दिया गया है और निर्माण और विध्वंस पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। केंद्र ने मंगलवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार के बाद पूरे एनसीआर में जीआरएपी चरण-III के तहत प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम), जो क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए जिम्मेदार एक वैधानिक निकाय है, ने दिल्ली-एनसीआर की समग्र वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार के मद्देनजर मंगलवार को बैठक की।

सीएक्यूएम ने कहा था कि भारत मौसम विज्ञान विभाग/भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान इस बात के संकेत नहीं देते हैं कि दिल्ली में आगामी दिनों में औसत वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी से आगे बढ़ेगी। वहीं, दिल्ली और मुंबई में रहने वाले 60 प्रतिशत लोग दोनों शहरों में वायु प्रदूषण से खराब होते हालात के मद्देनजर कहीं और जाने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। यह खुलासा एक नवीनतम अध्ययन में हुआ है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रिस्टिन केयर ने दिल्ली, मुंबई और आसपास के इलाकों के चार हजार लोगों पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर यह नतीजे पेश किए हैं। 

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