दिल्ली सरकार ने उन्नत औद्योगिक विकास एवं सेवा क्षेत्र के जरिये ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने और राष्ट्रीय राजधानी को ‘24 घंटे सक्रिय रहने वाला शहर’ बनाने के लिए ‘औद्योगिक और आर्थिक विकास नीति 2023-33’ का प्रस्ताव रखा है।
उद्योग विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि प्रस्तावित नीति के श्वेत पत्र पर हितधारकों से 20 नवंबर तक सुझाव मांगे गए हैं।
इस नीति में रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था, ‘प्लग-एंड-प्ले’ सुविधाओं, स्टार्टअप और नई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर दिल्ली को विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी शहरी अर्थव्यवस्था बनाने की परिकल्पना की गई है।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि इस नीति के माध्यम से सरकार का मिशन सेवा क्षेत्र और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था, उन्नत औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देना होगा। इसमें कहा गया है कि एक जवाबदेह शासन तंत्र बनाते हुए नीतिगत उद्देश्यों को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाएगा। यह नीति अधिसूचना जारी होने के बाद 10 साल तक लागू रहेगी।
श्वेत-पत्र में कहा गया, “दिल्ली में ‘24-घंटे सक्रिय रहने वाले शहर’ की अवधारणा को मॉडल दुकानों और प्रतिष्ठानों (रोजगार और सेवाओं की शर्तों का विनियमन) अधिनियम 2015 के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही रात्रिकालीनअर्थव्यवस्था से संबंधित नीति तैयार की जाएगी।”
रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था के तहत कारोबार, मौजमस्ती, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ भोजन, पेय पदार्थ और मनोरंजन-केंद्रित मुख्य गतिविधियां जैसे रेस्तरां, कैफे, पब, बार, थिएटर, संगीत, त्यौहार, बाजार और सजीव संगीत प्रस्तुतियां शामिल होंगी। इसमें कहा गया, “पिछले कुछ साल से उद्योग विभाग दिल्ली में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। हाल ही में शुरू की गई स्टार्टअप नीति का लक्ष्य दिल्ली को भारत और दुनिया भर में शीर्ष स्टार्टअप स्थलों में से एक के रूप में स्थापित करना है।
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