दिल्ली के भारती महाविद्यालय में दो दिवसीय वार्षिक उत्सव, पत्रकारिता की चुनौतियों पर हुई खास चर्चा

नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती महाविद्यालय में 8 और 9 फरवरी को पत्रकारिता विभाग द्वारा जर्नोत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन पत्रकारिता विभाग के शिक्षक तथा शिष्यों की ओर से किया गया. इस कार्यक्रम की शुरुआत सभागार में महाविद्यालय की  प्रधानाचार्या प्रोफेसर सलोनी गुप्ता की ओर से द्वीप प्रजवल्लित करके हुई. शुरुआत में महाविद्यालय की छात्रा द्वारा लोक नृत्य किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं गुफ्तगू के संस्थापक इरफान रहे. उन्होंने शुरुआत रघुवीर सहाय की कविता (किताब पढ़ कर रोना) से की और अपने वक्तव्य में भारत की संस्कृति, विविधता एवं भाषा के बारे मे तथा पत्रकारों के जीवन की चुनौतियों के बारे में सभी को अवगत कराया.

इसके बाद इरफान ने भारत के कवियों, लेखकों, रचनाकारों की महत्व के बारे में जानकारी दी तथा भारत को श्रुतियों का देश कहा. इसके बाद मीडिया मोजेक पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया तथा इस चर्चा के अतिथि सौम्या रस्तोगी, हिमांशी सैनी,अतुल चौरसिया, अनमोल ओहरी रहे. इस चर्चा में उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की. 

लोकतंत्र में सभी की हिस्सेदारी जरूरी

अतुल चौरसिया ने कहा कि लोकतंत्र में सभी की हिस्सेदारी जरूरी है तथा जनता का जागरूक होना जरूरी है. अनमोल ओहरी ने अपने वक्तव्य में कहा की आज-कल के लोग अपने नैतिक मूल्यों को भूल गए है,किसी घटना पर सहायता करने के बजाय घटनाओं को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं. इसके साथ मैदान में विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए इसके बाद सभागार में वाद-विवाद का प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे बहुत अधिक संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया, इसके उपरांत हल्ला बोल (नुक्कड़ नाटक) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयो के सदस्यों ने भाग लिया. इसके साथ खूबसूरत प्रस्तुति के साथ सबका मनोरंजन किया एवं लोगो को जागरूक किया. 

लगातार दूसरे दिन भी जर्नोत्सव में उमड़ी भीड़

दूसरे दिन की शुरुआत में सभागार में (पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया की सह संस्थापक) शालिनी सिंह ने विषय (भारत पर अनसुनी बातें : हम कैसे बदलाव ला सकते है) पर सभी का संबोधन हुआ. अपने वक्तव्य में शालिनी सिंह ने कहा अस्वीकृति पुनर्निर्देश है सभी को अपने जीवन में अपनी इच्छाशक्ति का अनुसरण करना जरूरी है. इसके उपरांत  जमशेद कमर सिद्दीकी ने इब्ने इंशा की कहानी से शुरुआत की एवम् सभी को कहानी किस तरह से सुनाई जाए इसके संदर्भ में बताया. महाविद्यालय में एड- मेड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया फिर अतिथि वक्ता तविषी सांघी ने मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर लोगों को जागरूक किया तथा स्वयं को किस प्रकार खुश रखा जाए इसके बारे में समझाया तथा अंत में मैदान में स्टैंड अप कॉमेडी प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में 500 से अधिक लोग माजूद रहे तथा कार्यकम के अंत में सभी लोग मैदान में एकत्रित हुए और कार्यक्रम का आनंद लिया.

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