विशाल झा/गाजियाबाद: इस वर्ष लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से हुई थी. इस पावन पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है. इसके बाद खरना, अर्घ्य और पारण किया जाता है. छठ पूजा में विशेष तौर पर सूर्य देवता और छठ माता की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख समृद्धि का वरदान मिलता है. चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.
19 नवंबर यानी आज छठ पूजा का तीसरा दिन है और आज संध्या अर्घ्य दिया जाएगा. गाजियाबाद में छठ पर्व के लिए लगभग डेढ़ सौ से भी ज्यादा घाट तैयार किए गए है. जिसमें महिलाएं सूर्य भगवान को अर्घ्य दे सकती है. लेकिन अगर आपको पावन गंगा में अर्घ्य देना है तो जनपद गाजियाबाद में वो विकल्प भी आपके पास है. ऐसे में गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित छोटा हरिद्वार में गंगा की पावन लहरों के बीच आप यह पूजा कर सकते है. छोटा हरिद्वार के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस मौके पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से प्रशासन और पुलिस भी मौजूद होता है. महिलाओं के लिए अलग से चेंजिंग रूम, जलपान और बायो टॉयलेट की व्यवस्था की जाती है.
क्यों दिया जाता है डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है. ज्योतिषियों का कहना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर कई मुसीबतों से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके अलावा सेहत से जुड़ी भी कई समस्याएं दूर होती है.
.
Tags: Chhath Puja, Hindi news, Local18, UP news
FIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 13:34 IST