दिल्ली आबकारी नीति मामले में बीआरएस नेता कविता ईडी के समक्ष पेश नहीं हुईं

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पिछली बार जब कविता ईडी के सामने पेश हुई थीं तो समझा जाता है कि उनका सामना हैदराबाद स्थित व्यवसायी और इस मामले के एक आरोपी अरुण रामचंद्रन पिल्लई के बयानों से हुआ था। पिल्लई के कथित तौर पर कविता से करीबी संबंध थे। ईडी ने कहा था कि पिल्लई ने कविता और अन्य से जुड़े एक कथित शराब गिरोह ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व किया था, जिसने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (वर्ष 2020-21 के लिए) के तहत राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा शराब बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ‘आप’ को लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। ईडी ने धनशोधन का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के. कवितादिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में नये सिरे से पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुईं।
माना जा रहा है कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता (45) ने एक ईमेल के माध्यम से जांच अधिकारी को ईडी के समन का पालन नहीं करने के अपने फैसले से अवगत करा दिया था।
उनके वकील नितेश राणा ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उच्चतम न्यायालय का एक आदेश है जिसमें कहा गया है कि ईडी इस मामले में कविता को तलब नहीं कर सकती है।

हालांकि, ईडी के सूत्रों ने कहा है कि बीआरएस नेता को पिछले साल शीर्ष अदालत से अस्थायी राहत मिली थी और यह अब मान्य नहीं है और संघीय एजेंसी उन्हें नया समन जारी कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि ईडी जल्द ही इस संदर्भ में फैसला लेगी।
इस मामले के संबंध में कविता से पिछले साल तीन बार पूछताछ की गई थी और ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया था।
ईडी ने हाल ही में इस मामले के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चौथा समन जारी किया है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को 18 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

पिछली बार जब कविता ईडी के सामने पेश हुई थीं तो समझा जाता है कि उनका सामना हैदराबाद स्थित व्यवसायी और इस मामले के एक आरोपी अरुण रामचंद्रन पिल्लई के बयानों से हुआ था। पिल्लई के कथित तौर पर कविता से करीबी संबंध थे।
ईडी ने कहा था कि पिल्लई ने कविता और अन्य से जुड़े एक कथित शराब गिरोह ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व किया था, जिसने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (वर्ष 2020-21 के लिए) के तहत राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा शराब बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ‘आप’ को लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
ईडी ने धनशोधन का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था।

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