दिनभर चाय की दुकान चलाता है दिव्यांग बासुकी, रात में करता है नौकरी की तैयारी

मनीष कुमार/कटिहार: कहते हैं इंसान शरीर से दिव्यांग जरूर हो सकता है, मगर अपनी सोच और जज्बे से नहीं. कुछ इसी सोच के साथ कटिहार जिला के मनिहारी के रहने वाले बासुकी यादव एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद कुछ बेहतर करने की सोच के साथ खुद का चाय स्टाल चलाते हैं और रोजाना 300 से 400 कप चाय की बिक्री कर लेते हैं. हर माह एक लाख से अधिक की कमाई कर लेते हैं. वहीं इनके दुकान पर चाय पीने वालों का तांता लगा रहता हैं. खासकर युवा इनके हाथ से बने चाय के फैन हैं और हमेशा बासुकी की दुकान पर चाय पीने के लिए युवाओं की भीड़ लगी रहती है.

दिव्यांग बासुकी यादव बताते हैं कि बीते कई वर्षों से चाय की दुकान चला रहे हैं. साथ ही पढ़ाई को भी जारी रखा. इसी चाय की दुकान के सहारे परिवार चलाने के साथ ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई भी पूरी कर ली है. लंबे समय तक नौकरी की भी तलाश किया और अभी भी नौकरी की तलाश जारी है.

लोगों को कुल्हड़ में शुद्ध दूध की पिलाते हैं चाय
बासुकी यादव ने बताया कि इलायची डालकर कुल्हड़ में लोगों को चाय पिलाते हैं. वहीं ग्राहकों की डिमांड पर चाय में अदरक भी डालते हैं. उन्होंने बताया कि इंसान अगर सोच ले कि वह शरीर से दिव्यांग हैं तो कुछ नहीं कर पाएंगे. जिस दिन सोच के साथ अपनी क्षमता को पहचान लिया तो कोई काम मुश्किल नहीं लगेगा.

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इसी सोच के साथ मनिहारी में चाय दुकान चलाकर कमाई के साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को भी जारी रखा है. बासुकी के पास चाय पीने के लिए आने वाले ग्राहक बताते हैं कि यहां शुद्ध दूध से बना स्पेशल चाय मिलता है. यही वजह है कि अक्सर यहां आकर चाय की चुस्की लेते हैं. दिव्यांग बासुकी की मेहनत से दुकान पर आने वाले ग्राहक भी आश्चर्य में पड़ जाते हैं.

लोगों की प्रशंसा बूस्टर का करती है काम
बासुकी यादव ने बताया कि चाय पीने के लिए आने वाले लोग जब संघर्ष की सराहना करते हैं तो अच्छी फीलिंग आती है और कुछ अलग करने की हिम्मत भी मिल जाता है. उन्होंने बताया कि लोगों से मिलने वाली तारीफ बूस्टर की तरह काम करता है. वहीं युवाओं का मानना है कि जिस तरह से दिव्यांग युवक तमाम परेशानियों को दरकिनार कर चाय की दुकान चला रहे हैं और आगे के भविष्य भी बेहतर बनाने की सोच के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही यह युवा चाय वाला एक बेहतर मुकाम तक पहुंचेगा. कटिहार जिला के मनिहारी के रहने वाले दिव्यांग बासुकी यादव मेहनत कर ठीक-ठाक मुनाफा तो कमा ही रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं के लिए उदाहरण भी पेश कर रहे हैं.

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