दक्षिण चीन सागर में बी-52 बमवर्षक विमान के करीब आया चीनी लड़ाकू विमान : अमेरिकी सेना

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चीन, दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्सों पर अपना दावा जताता है जबकि अमेरिका तथा कई अन्य देश इसे खारिज करते हैं। चीनी तट रक्षक बल के एक जहाज और उसके एक ‘मिलिशिया’ पोत ने गत सप्ताह दक्षिण चीन सागर में एक विवादित तट पर फिलीपीन तटरक्षक बल के एक जहाज और उसकी सेना की ओर से संचालित एक आपूर्ति नौका को दो अलग-अलग घटनाओं में टक्कर मार दी थी। इस घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी थी कि अगर फिलीपीन के बलों, विमानों या जहाजों पर हमला किया गया तो अमेरिका उसकी रक्षा करने के लिए बाध्य होगा। चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अमेरिका को मनीला के साथ बीजिंग के विवादों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

अमेरिकी सेना ने कहा कि चीन का एक लड़ाकू विमान दक्षिण चीन सागर में उड़ रहे अमेरिका के बी-52 बमवर्षक विमान के बेहद करीब, महज 10 फुट की दूरी पर आ गया जिससे एक हादसा होते-होते बचा।
यह घटना ऐसे वक्त में हुई है जब दोनों देश क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान ने बृहस्पतिवार देर रात एक बयान में कहा कि रात को दोहरे इंजन वाला शेनयांग जे-11 लड़ाकू विमान ‘‘अत्यधिक अनियंत्रित गति’’ से अमेरिकी वायु सेना के एक विमान के करीब आ गया जिससे दोनों विमानों के बीच भिड़ंत का खतरा पैदा हो गया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अमेरिकी विमान जानबूझकर उकसावे के तौर पर दक्षिण चीन सागर पर उड़ान भर रहा था।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘‘अमेरिकी सैन्य विमान अपनी ताकत दिखाने के लिए हजारों मील की यात्रा करके चीन के करीब पहुंच गए हैं। यह समुद्री और वायु सुरक्षा जोखिमों का स्रोत है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के अनुकूल नहीं है।’’
अमेरिकी सेना ने कहा कि बी-52 ‘‘अंतरराष्ट्रीय वायु क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर पर कानूनी रूप से नियमित उड़ान भर रहा था’’ तभी मंगलवार को जे-11 उसके रास्ते में आ गया। उसने शुक्रवार को उन सवालों का जवाब नहीं दिया कि बी-52 दक्षिण चीन सागर पर क्या कर रहा था या क्या वह विमानों के समूह के साथ था।
मई में ऐसी ही एक घटना में चीन की सरकार ने अमेरिका की शिकायतें खारिज कर दी थीं और मांग की थी कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में ऐसी उड़ानों पर रोक लगाए।

चीन, दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्सों पर अपना दावा जताता है जबकि अमेरिका तथा कई अन्य देश इसे खारिज करते हैं।
चीनी तट रक्षक बल के एक जहाज और उसके एक ‘मिलिशिया’ पोत ने गत सप्ताह दक्षिण चीन सागर में एक विवादित तट पर फिलीपीन तटरक्षक बल के एक जहाज और उसकी सेना की ओर से संचालित एक आपूर्ति नौका को दो अलग-अलग घटनाओं में टक्कर मार दी थी।
इस घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी थी कि अगर फिलीपीन के बलों, विमानों या जहाजों पर हमला किया गया तो अमेरिका उसकी रक्षा करने के लिए बाध्य होगा।
चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अमेरिका को मनीला के साथ बीजिंग के विवादों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

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