थेरेपी और पान मसाले में किया जाता है इस इत्र का प्रयोग, जानें खासियत और रेट

अंजली शर्मा/कन्नौज:जिन चीजों में सुगंध होती है लगभग सभी में से कन्नौज में इतर बनाने का हुनर यहांके इत्र व्यापारियों में है. सुगंध नगरी में गेंदा के फूल की भी बड़ी डिमांड रहती है.गेंदा के फूल का भी इत्र यहां पर अच्छी खासी मात्रा में बनाया जाता है.गेंदा की फूलों की बात करें तो यहां पर किसान बढ़ चढ़कर इस फूल की खेती भी करतेहैं.

इलाके के किसानों का रुझान परंपरागत फसलों की बजाय फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है.इन दिनों गेंदा फूल की खेती से ज्यादा मुनाफे की ‘खुशबू’ आ रही है.एक बीघा में 25 से 30 हजार का मुनाफा हो रहा है.शादी विवाह, स्वागत समारोह, धार्मिक समेत अन्य कार्यक्रमों में गेंदा के फूलों की सबसे ज्यादा मांग रहती है.इसी से नैपालपुर, टिकुरियन, बरगांवा में लगातार रकबा बढ़ रहा है.किसान फूलाें को कन्नौज, तिर्वा, गुुरसहायगंज, छिबरामऊ में बेच रहे हैं.

क्या होते रेट,किस चीजो में ज्यादा प्रयोग
गेंदा के फूल से बने इत्र की बात करी जाए तो यह दो तरीके से बना रहता है. एक साधारण और एक संदल ऑयल के तर्ज पर बनाया जाता है.साधारण तौर पर तो यह 3 से साढ़े 3 हज़ार रुपये किलो तक मिल जाता है, वहीं संदल बेस पर बने इस इत्र की कीमत 1 लाख 80 से लेकर 1 लाख 90 हज़ार रुपये किलो पहुंच जाती है. इस इत्र का प्रयोग हुमा थेरेपी और पान मसाला कारोबार में बहुत ही बड़े पैमाने पर होता है.

क्या बोले इत्र व्यापारी
इत्र व्यापारी शिवा और आलम ने बताया कि कन्नौज में बहुत बड़े पैमाने पर गेंदा फूल की पैदावार होती है.वही बेला फूल पूजा पाठ सहित कई और कार्यक्रमों में काम आ जाता है. जिसके साथ-साथ इत्र व्यापारियों में भी इसकी अच्छी खासी डिमांड होती है.इससे बने इत्र की कीमत ₹3000 किलो से शुरू होकर 1,90,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंचती है. इसका प्रयोग पान मसाला के कारोबार में सबसे ज्यादा होता है.तो वही एक थेरेपी में भी इसका प्रयोग किया जाता है.

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