प्रयागराज1 मिनट पहले
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ये तस्वीर कमिश्नरेट कोर्ट की है।
वह पहले बमबाज था। अपने दुश्मनों को स्टिक से दौड़ाकर पीटता था। स्टिक से हमले का खौफ यूं लोगों को डरा गया कि उसका नाम ही जावेद उर्फ स्टिक पड़ गया। वह जावेद स्टिक के नाम से पुकारा जाने लगा। एक के बाद एक आठ मुकदमे दर्ज हुए। केंद्रीय कारागार नैनी पहुंचा। जेल में जिंदगी गुजरी तो अक्ल ठिकाने आने लगी। अब उस पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई शुरू हो गई। कमिश्नरेट कोर्ट से गुंडा एक्ट के तहत नोटिसें पहुंची तो पेशी पर गिड़गिड़ाने लगा। सोमवार को कमिश्नरेट कोर्ट में पेश हुए जावेद स्टिक पुलिस कमिश्ननर रमित शर्मा के सामने हाथ जोड़ माफी मांगने लगा। कहा, अब मैं शरीफ इंसान हो गया हूं। शराफत की जिंदगी जीना चाहता हूं। जिंदगी बदलने, परिवार पालने का एक मौका दिया जाए। अब इंसाफ मिल रहा है।
शाहगंज थाने में लगाएगा हाजिरी
खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के बख्शी बाजार इलाके के रहने वाले मुख्तार अहमद का बेटा अफजाल अहमद उर्फ जावेद उर्फ स्टिक कभी कुख्यात रहा है। जेल गया तो कस बल ढीले पड़ गए। गैंगस्टर लगा तो मुश्किलें और बढ़ गईं। अब गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू हुई है। सोमवार को जावेद स्टिक अपने वकीलों के साथ प्रयागराज कमिश्नरेट कोर्ट में पेश हुआ। वकीलों ने अपना पक्ष रखा। आरोपित के अपराध के रास्ते छोड़ देने की बातें कहीं। इस बीच पेशी पर जावेद भी ईमानदारी, शरीफों की जिंदगी जीने की कसमें खाने लगा। गुंडा एक्ट की कार्रवाई के लिए कमिश्नर कोर्ट में लंबी सुनवाई चली।
पक्ष, प्रतिपक्ष के तर्कों को सुनने के बाद पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने कमिश्नरेट कोर्ट की ओर से आदेश दिया कि जावेद हर 15 दिन पर शाहगंज थाने जाकर हाजिरी लगाएगा। उसका परिवार भी गवाही देगा कि जावेद स्टिक की गतिविधियां क्या हैं। शाहगंज पुलिस भी हर गतिविधि पर नजर रखेगी। रिपोर्ट देती रहेगी।
सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में पहुंचे कमिश्नर रमित शर्मा।
राज्य की तरफ से संयुक्त निदेशक ने रखा पक्ष संयुक्त निदेशक