थकान को चुटकियों में दूर करती है ‘स्पेशल सुलेमानी चाय’, दूर करती है आंखों के काले घेरे, जानें रेसिपी

अनुज गौतम / सागर. अगर आप चाय पीने की शौकीन हैं तो आपने चाय तो बहुत पी होगी लेकिन समाबाहर, मलाई मारके और सुलेमानी चाय शायद ही पी हो. इस चाय को पीने से दिन भर की थकान चुटकियों में दूर हो जाती है. साथ यह भी कहा जाता है कि चेहरे पर जो डार्कनेस होती है. इस चाय के पीने से वह भी दूर हो जाते है. इस चाय को प्याली में बड़े ही प्यार से ग्राहक को दिया जाता है. खास बात यह है कि मलाई मार के देने के साथ इसमें नमक भी मिलाया जाता है जो इस चाय की स्वाद को बेहद ही स्वादिष्ट बना देती है और लोग इस चाय को पीने के लिए खींचे चले जाते हैं.

ऐसी ही सुलेमानी चाय सागर और विदिशा जिले की बॉर्डर पर स्थित कुरवाई में बेहद फेमस है. आदिल खान के द्वारा इस दुकान का संचालन किया जा रहा है जिनके द्वारा रोजाना 2000 से ज्यादा कप चाय बेची जा रही हैं. एक कप चाय की कीमत 5 रूपये ही हैं. वह रोजाना 10 से 15 हजार तक की चाय बेच लेते हैं. उनकी इस चाय को पीने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं एक तो उनके द्वारा प्याली में इस चाय को परोसा जाता है तो दूसरा इस चाय की बनने के तरीके भी लोगों को खूब पसंद आते हैं जिसकी वजह से उनकी दुकान पर भीड़ रहती है.

7 साल पहले जीजा की दुकान से मिला था आईडिया
आदिल खान बताते हैं कि वह काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे तब उनका एक बार अपने जीजा के घर जाना हुआ वहां उन्होंने जीजा की दुकान पर इस तरह की चाय को बनते हुए देखा था वहीं से उन्हें यह आइडिया मिल गया इसके बाद पर घर लौट आए और उन्होंने बाजार में एक छोटी सी दुकान से इसकी शुरुआत की सुलेमानी चाई लोगों को खूब पसंद आई. करीब 7 साल पहले इसकी शुरुआत की थी. अब उन्होंने इसको और बेहतर किया. आदिल बताते हैं कि उनके भाई भी इसी दुकान पर काम देखते हैं तो वही काम के लिए अन्य लड़के भी लगे हुए हैं.

इस तरह से बनाते हैं सुलेमानी चाय
वही इस खास चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक बड़े भगोने में पानी लेते हैं. उसमें शक्कर और चाय पत्ती के साथ खड़ा नमक कुछ हल्की मात्रा में डालते हैं. और उसको उबालते हैं. इसके साथ ही एक तांबे से बनी बड़ी केतली होती है. जिसमें एक मोटा कपड़ा भी लगा हुआ रहता है. उसे उबली हुई चाय को इस केतली में डाल देते हैं. जिसे धीमी आंच में और उबाला जाता है.

इसमें दूध नहीं मिलाया जाता है. दूध के लिए एक अलग बर्तन होता है जिसमें दूध उबल जाता है. जब ग्राहक के द्वारा चाय की डिमांड की जाती है तो आधा कप दूध लेते हैं और फिर आधा कप बह जाए लेते हैं. फिर ऊपर से इसमें मलाई डाल दी जाती है ग्राहक के लिए चाय उसकी पसंद के अनुसार प्लेट और कप यानी की चाय की प्याली के साथ या फिर कांच के गिलास में दी जाती है.

Tags: Local18, Sagar news, Tea

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