..तो ऐसे बची शिंदे गुट के विधायकों की सदस्यता, उद्धव दल को लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की किस्मत का फैसला आज हो गया. विधानसभा स्पीकर ने शिंदे गुट के सभी विधायकों को योग्य माना है. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है और शिवसेना शिंदे गुट को बड़ी जीत मिली है. विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 वाला संविधान ही मान्य होगा. शिंदे  गुट ही असली शिवसेना है. एक नाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और शिंदे गुट के 16 विधायक योग्य हैं. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है. चुनाव आयोग के आदेश को ध्यान में रखकर ये फैसला सुनाया है.

स्पीकर नार्वेकर ने कहा कि 2018 में शिवसेना में जिस संशोधन की बात की गई है वो संविधान के मुताबिक सही नहीं है. 2018 में शिवसेना के संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जाएगा, क्योंकि चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में इसका उल्लेख नहीं है. चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना का हकदार है. राहुल नार्वेकर ने जोर देकर कहा कि शिंदे गुट के पास बहुमत है. इस गुट के 16 विधायकों की मान्यता बरकार रहेगी. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को सही माना है. विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उद्धव गुट की दलील को खारिज कर दिया. इसके साथ ही सुनील प्रभु अब व्हिप नहीं रहेंगे और उन्हें बैठक बुलाने का अधिकार नहीं होगा. 

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इन नेताओं पर लटक रही थी तलवार

शिंदे गुट के इन विधायकों पर तलवार लटक रही थी, लेकिन स्पीकर के फैसले के बाद अब लटकने वाली तलवार खत्म हो गई. वैसे बता दें जिन नेताओं की मान्यता खतरे में थी उनके नाम इस प्रकार थे. एकनाथ शिंदे, संदीपन भुमरे, संजय शिरसाट, अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत, यामिनी जाधव, चिमनराव पाटिल, भरत गोगावे, लता सोनावने, प्रकाश सु्र्वे, बालाजी किनकर, महेश शिंदे, संजय रायमुलकर, रमेश बोरनोर, बालाजी कल्याणकर और अनिल बाबर

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