तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने राज्य को कर्ज में डुबो दिया : केंद्रीय मंत्री सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 2014 में अपने गठन के समय राजस्व अधिशेष रहा तेलंगाना अब राजस्व घाटे वाला प्रदेश बन गया है और इसके लिए मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव जिम्मेदार हैं।
सीतारमण ने मल्काजगिरि से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार एन रामचंद्र राव के समर्थन में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तेलंगाना की अगली दो-तीन पीढ़ियां कर्ज चुकाती रहेंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि तेलंगाना एक ऐसा राज्य है जो शराब, पेट्रोल और डीजल को ‘जीएसटी’ के दायरे में लाने का विरोध कर रहा है और यदि इन्हें ‘जीएसटी’ के तहत लाया जाता है तो दरें उचित हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘राजस्व अधिशेष (2014 में) रहा राज्य अब राजस्व घाटे वाला राज्य बन गया है। इसका श्रेय केसीआर को जाता है।

आज तेलंगाना कर्ज में डूबा है। अगली दो-तीन पीढ़ियों तक हमारे बच्चों को यह कर्ज चुकाना होगा।’’
वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संप्रग सरकार में सैन्य कर्मियों को न केवल बुलेट-प्रूफ जैकेट से, बल्कि अन्य सुरक्षा उपकरणों से भी वंचित रखा गया था और उन 10 साल में कोई खरीद नहीं की गई।
राफेल लड़ाकू विमानों की विवादास्पद खरीद के संबंध में सीतारमण ने कहा कि यह सरकारों के बीच समझौता था और तय कार्यक्रम के अनुसार सभी विमानों की आपूर्ति की गई है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय हित में फैसले लिए गए। कोई रिश्वत का लेनदेन नहीं हुआ या किसी कंपनी के साथ हमने सौदेबाजी नहीं की।’’
भाजपा प्रत्याशी रामचंद्र राव के लिए मतदान करने की अपील करते हुए सीतारमण ने कहा कि वह पार्टी के निष्ठावान नेता हैं और उनकी स्वच्छ छवि है।

बाद में संवाददाता सम्मेलन में बीआरएस सरकार की आलोचना करते हुए, सीतारमण ने दावा किया कि तेलंगाना में ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण दो साल से अधिक समय तक उच्च मुद्रास्फीति देखी गई जबकि केंद्र विभिन्न उपायों से राष्ट्रीय स्तर पर मुद्रास्फीति को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर रहा है।
केसीआर के इस आरोप पर कि केंद्र ने पिछले पांच वर्षों में तेलंगाना को कुल 25,000 करोड़ रुपये का कोष नहीं दिया है क्योंकि राज्य सरकार ने कृषि पंप सेट पर मीटर लगाने से इनकार कर दिया है, सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य को अतिरिक्त ऋण लेने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है।
उन्होंने कहा, “अगर आप शर्त पूरी नहीं करते हैं और अतिरिक्त कर्ज मांगते हैं, तो हम कैसे दे सकते हैं? क्या अन्य राज्यों ने ऐसा नहीं किया। क्या हमें आपको रियायत देनी चाहिए?

आप ऐसा करने (पंप सेट पर मीटर लगाने) के लिए तैयार नहीं हैं, और (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी को दोष दे रहे हैं। राज्य में यह ड्रामा चल रहा है, जो हानिकारक है।
उन्होंने बीआरएस सरकार की आलोचना करते हुए कहा, भ्रष्टाचार का स्तर और (तेलंगाना में) वंशवादी शासन इस सरकार की विशेषता बन गया है।
बीआरएस के चुनावी वादों को पूरा करने में मुख्यमंत्री राव के विफल रहने का आरोप लगाते हुए सीतारमण ने दावा किया कि तेलंगाना में 6,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।
मुफ्त उपहारों’’ पर उन्होंने कहा कि देश के कई राज्य अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखे बिना विभिन्न योजनाओं का वादा कर रहे हैं और कर्ज लेकर उन्हें लागू कर रहे हैं।

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