तेजस्वी सहित RJD मंत्रायल की जांच पर सियासत, कोर्ट जाएंगे आरजेडी नेता

Patna:

बिहार में एनडीए सरकार की वापसी हो चुकी है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए के साथ एक बार फिर से सरकार बनाई है. जहां एक तरफ तेजस्वी यादव ने फिर से बिहार का सीएम बनने के लिए नीतीश कुमार को बधाई दी और नंद किशोर यादव के स्पीकर बनने पर तेजस्वी ने उनके पैर छुकर बधाई दी. वहीं, जब लालू और नीतीश की महागठबंधन से अलग होने के बाद पहली मुलाकात हुई तो दोनों आपस में भी पहले की तरह ही मिलते नजर आए. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए लालू यादव ने यहां तक कह दिया कि नीतीश के लिए दरवाजा बंद नहीं हुआ है. बावजूद इसके आरजेडी पर नीतीश कुमार के मन में खटास नजर आ रहा है. 

तेजस्वी सहित RJD मंत्रायल की जांच पर सियासत

महागठबंधन की सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री रहे तेजस्वी यादव, ललित यादव व रामानंद यादव के विभागों में हुए कामकाज की समीक्षा का फैसला नई सरकार ने लिया है. इस फैसले से बिहार की राजनीति गरमा गई है. महागठबंधन के नेता सीएम नीतीश पर गंभीर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं. आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने इस जांच पर कहा कि सृजन घोटाला, चावल घोटाला समेत कई तरह के घोटाले हुए. पीएमसीएच के अधीक्षक 31 जनवरी को रिटायर होने के बाद भी उन्हें एक्सटेंशन दे दिया जबकि उन पर कई तरह के घोटालों का आरोप है. इसकी जांच होनी चाहिए और इसके लिए हमलोग कोर्ट जाएंगे.  

कोर्ट जाएंगे आरजेडी नेता

साथ ही मुकेश रौशन ने जुबानी हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं तो 17 साल में एनडीए की सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में जो भी काम किया गया, उसकी समीक्षा और जांच की जाए क्योंकि कई नेताओं ने सरकारी पैसों से अपनी कोठियां बनवा ली. कोई पूल टूट जाता था तो दोबारा उसी ठेकेदार को पुल बनाने का काम दे दिया जाता था. एनडीए की सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है.

बीजेपी ने आरजेडी को दिया जवाब

वहीं, आरजेडी के आरोपों पर बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने हा कि महागठबंधन के पास बोलने को कुछ भी नहीं है. 2005 से लेकर अब तक एनडीए की यूएसपी ही गुड गवर्नेंस रही है. बिहार में जब-जब एनडीए की सरकार आई है, तब-तब विभागों में ईमानदारी से कामकाज हुआ है.

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