Patna:
20 फरवरी को बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर से जनविश्वास यात्रा पर निकले हुए हैं. वहीं, रविवार को तेजस्वी ने मीडिया से खुलकर बात की और कहा कि एक महीने में नई सरकार में कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है. इसके पीछे की वजह क्या है? इसका सीएम को जवाब देना चाहिए. इसके साथ ही हम पार्टी के संयोजक जीतन राम मांझी की बातों में सहमति जताते हुए कहा कि मांझी ने सही कहा कि अगर उनके चार विधायक नहीं होते तो सरकार चली जाती. इसके साथ ही मांझी जी के सवाल पर यह भी कहा कि कैकेयी कौन हैं? लेकिन हम तो कह रहे हैं कि मंथरा भी है इसमें. समय आने पर इसका भी हम लोग खुलासा करेंगे.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना
वहीं, तेजस्वी यादव ने विधानसभा में बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की ड्यूटी टाइमिंग को लेकर हुए हंगामे पर कहा कि विपक्ष के विरोध के बाद भी राज्य सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया. एक भी अधिकारी सीएम की बात नहीं सुन रहा है और इससे पता चल रहा है कि कोई भी सीएम को गंभीरता से नहीं ले रहा है. बता दें कि विपक्ष ने विधानसभा में केके पाठक के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया और जल्द से जल्द शिक्षकों की समय बदलने को लेकर सरकार को घेरा. जिसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आश्वासन दिया था कि वह तुरंत शिक्षकों की टाइमिंग में बदलाव करने का आदेश देंगे. नीतीश कुमार के कहने के बाद भी केके पाठक ने अब तक शिक्षकों की ड्यूटी टाइमिंग नहीं बदली है.
बिहार की जनता नीतीश कुमार से थक चुकी है
बिहार की जनता और पार्टी के नेता भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से थक चुके हैं. वहीं, सीएम का विजन भी खत्म हो चुका है और पहले उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा फिर हमारे पास आए, उसके बाद फिर बीजेपी के पास चले गए और फिर हमारे पास आए. अब हमको छोड़कर फिर से बीजेपी के पास चले गए. आपको बता दें कि जब तेजस्वी से यह पूछा गया कि जेडीयू का कहना है कि राज्यहित में कई बार ऐसा निर्णय लेना पड़ता है तो लेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि इससे हित हो रहा है या अहित? इस तरह का बयान दे रहे हैं और इसके मायने तो जानिए. इस तरह से तो हर दिन पलटते रहेंगे. सुबह कुछ आदेश जारी करेंगे और शाम को कुछ और आदेश देंगे. एक भी अधिकारी तो उनकी बात मान ले.