तुष्टीकरण की राजनीति हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति देश की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने यह भी कहा कि एक बहुत बड़ा राजनीतिक वर्ग है जो सकारात्मक राजनीति करने का कोई रास्ता नहीं देख सकता तथा अपने स्वार्थ के लिए देश की एकता के साथ समझौता भी कर सकता है।
मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत की आंतरिक सुरक्षा को कई मोर्चों से चुनौतियां मिलती रही हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत के कारण देश के दुश्मन अतीत की तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदी के अगले 25 साल भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं और ‘‘हमें इसे एक समृद्ध एवं विकसित देश बनाना है’’ तथा सरदार वल्लभभाई पटेल से प्रेरणा लेते हुए इस लक्ष्य को हासिल करना है।
उन्होंने कहा, हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा तुष्टीकरण की राजनीति है।

भारत में पिछले कई दशक इस बात के गवाह हैं कि तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद, इसकी भयावहता और हैवानियत कभी नजर नहीं आती। तुष्टीकरण करने वाले मानवता के दुश्मनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने में संकोच नहीं करते।
मोदी ने कहा, वे (तुष्टीकरण करने वाले) आतंकवादी गतिविधियों की जांच करने में लापरवाही करते हैं और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से बचते हैं। तुष्टीकरण की मानसिकता इतनी खतरनाक है कि यह आतंकवादियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है। ऐसी सोच से किसी भी समुदाय को कोई फायदा नहीं हो सकता। इससे देश को कभी भी कोई फायदा नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को ऐसी सोच से सावधान रहना होगा जो हर पल और देश के हर कोने में एकता को खतरे में डालती हो।

मोदी ने कहा कि देश में एक ‘‘बहुत बड़ा राजनीतिक वर्ग’’ है जिसे सकारात्मक राजनीति करने का कोई रास्ता दिखाई नहीं देता।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से यह राजनीतिक वर्ग ऐसे हथकंडे अपना रहा है जो समाज और देश के विरुद्ध हैं। इस राजनीतिक वर्ग के लिए, उसका स्वार्थ सर्वोपरि है, भले ही इसके चलते देश की एकता टूट जाए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा राजनीतिक वर्ग देश की एकता को नुकसान पहुंचाकर अपने राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रहा है।
मोदी ने कहा, देश जब इनके प्रति सचेत रहेगा तभी अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएगा। देश की एकता को बनाए रखने के प्रयासों को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ना चाहिए। हमें एकता के मंत्र को निरंतर जीना है, और इसे महसूस करने के लिए निरंतर योगदान देना है।
उन्होंने कहा कि लोग जिस भी क्षेत्र में काम करते हैं उन्हें उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए तथा यही आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने का सबसे अच्छा तरीका है।

प्रधानमंत्री ने कहा, और सरदार साहब हम सभी से यही अपेक्षा करते हैं।
मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान भारत की आंतरिक सुरक्षा को कई मोर्चों से चुनौतियां मिलती रही हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत के कारण देश के दुश्मन अतीत की तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोग अभी भी उस दौर को नहीं भूले हैं जब वे भीड़भाड़ वाले बाजारों, सार्वजनिक स्थानों और आर्थिक गतिविधियों वाले स्थानों पर जाते समय संदेह से भर जाते थे।
मोदी ने कहा, उन्हें निशाना बनाकर देश के विकास को रोकने की साजिशें की गईं। लोगों ने बम धमाकों से हुई तबाही और जांच के नाम पर तत्कालीन सरकार की सुस्ती भी देखी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की जनता को जानने, पहचानने और समझने तथा देश की एकता पर हमला करने वालों से सावधान रहने की जरूरत है।
मोदी ने कहा, पिछली सदी में देश की आजादी से पहले 25 साल का ऐसा दौर आया था जब हर भारतीय ने आजादी हासिल करने के लिए जी-जान लगा दी थी।

अब हमारे सामने समृद्ध भारत के लिए अगले 25 साल का ऐसा ही अमृत काल एक अवसर है। सरदार पटेल की प्रेरणा से हर लक्ष्य हासिल करना है।
उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भी जिक्र किया, जो पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘किसने सोचा होगा कि कश्मीर को धारा 370 से मुक्ति मिलेगी? लेकिन आज कश्मीर और देश के बीच धारा 370 की दीवार गिर गई है। सरदार साहब आज जहां भी होंगे, सबसे ज्यादा खुशी महसूस कर रहे होंगे और हमें आशीर्वाद दे रहे होंगे।’’
उन्होंने कहा, आज हमारे भाई-बहन आतंकवाद के साये से बाहर निकलकर हवा में सांस ले रहे हैं और देश के विकास में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की उपलब्धियों को देख रही है।
मोदी ने कहा, जी20 में भारत की क्षमता देखकर दुनिया हैरान है।

हमें गर्व है कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नयी ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। हमें गर्व है कि विभिन्न वैश्विक संकटों के बीच, हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं, और अगले कुछ वर्षों में हम तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएंगे।
मोदी ने कहा कि अमृत काल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भी भारत का झंडा लगातार ऊंचा लहरा रहा है जब दुनिया में अराजकता और कोविड-19 महामारी के कारण कुछ देशों में मुद्रास्फीति 30-40 वर्षों में उच्चतम बिंदु पर है और बेरोजगारी भी है।
मोदी ने कहा, हम एक के बाद एक चुनौती को पार करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हमने नए कीर्तिमान बनाए हैं, नए मानदंड स्थापित किए हैं। पिछले नौ वर्षों में अपनाई गई नीतियों और निर्णयों का प्रभाव देश जीवन के हर क्षेत्र में देख सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 13.5 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा, भारत को भरोसा है कि हम देश से गरीबी हटा सकते हैं और इस दिशा में लगातार आगे काम करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, प्रत्येक भारतीय के लिए, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे देश की स्थिरता से समझौता हो। अगर हम अपने कदमों से भटकेंगे, तो हम अपने लक्ष्य से भी भटकेंगे।
उन्होंने कहा, 140 करोड़ भारतीयों ने जिस मेहनत से देश को विकास के रास्ते पर चलाया है, वह कभी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए। हमें भविष्य को ध्यान में रखना होगा और अपने संकल्पों के साथ अद्यतन रहना होगा।
मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर बांध का काम पांच-छह दशकों से लंबित था, लेकिन सभी के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में यह पूरा हो गया।

उन्होंने कहा कि एकता नगर, जहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्थित है, को आज वैश्विक हरित शहर के रूप में पहचाना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले छह माह में डेढ़ लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं और इस जगह पर कई आकर्षण जुड़े हैं तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों को मदद मिली है।
मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक पर्यटक एकता नगर आए हैं और यह संख्या बढ़ती जा रही है।
एकता नगर में प्रधानमंत्री ने 160 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
परियोजनाओं में एकता नगर को अहमदाबाद से जोड़ने वाली एक हेरिटेज ट्रेन, नर्मदा आरती का सीधा प्रसारण, ड्रैगन फ्रूट के लिए एक कमलम पार्क, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के भीतर एक पैदल मार्ग, 30 ई-बस, 210 ई-साइकिल और कई गोल्फ कार्ट, एक सिटी गैस वितरण नेटवर्क और गुजरात राज्य सहकारी बैंक का सहकार भवन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने एकता नगर में एक ट्रॉमा सेंटर और एक सौर पैनल के साथ एक उप-जिला अस्पताल की आधारशिला भी रखी।

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