तुलसी विवाह से मिलेगा मन चाहा वर! दूर होंगे सारे दोष, एमपी के पंडित से जानें उपाय

विकाश पाण्डेय/सतना: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र माना गया हैं. पौराणिक मान्यता है कि घर के आंगन में तुलसी का पौधा बेहद शुभदायक होता है.तुलसी के पौधे से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं. वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान सालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह किया जाता हैं. ऐसा करने से भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. और व्यक्ति को दांपत्य जीवन, में सुख, समृद्धि, शांति, प्राप्त होती है मान्यता है कि तुलसी विवाह से विवाह दोष दूर होता है और अविवाहित लड़के -लड़कियों को मनचाहे वर,वधु प्राप्त होते हैं.

पण्डित रमाशंकर जी ने बताया की सतयुग से ही वर प्राप्त करने देवियां, गोपियां, और अन्याय तपश्या और व्रत किया करती थीं. कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह किया जाता है. ऐसे में यदि कोई भी लड़का या लड़की जिनका विवाह नहीं हो रहा वह अगर विधि पूर्वक तुलसी सूर सालिग्राम विवाह करते हैं तो उन्हे विवाह दोष से मुक्ति मिल जाएगी और मनचाहा वर या वधु प्राप्त होते हैं. इसके लिए तुलसी के किसी छोटे पौधे को कन्या के समान पालन पोषण करें. और जब वह पौधा पूर्ण विकसित हो जाए. उसमें मंजरी आने लगे तब कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी का अपनी कन्या मानकर, पूर्ण श्रंगार एवं आभूषणों से सुसज्जित कर उनका विवाह करें. इससे पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिलेगी और विवाह दोष का निवारण होता है.

पुरूषों के विवाह संबंधी उपाय
मान्यता है कि जिन पुरुषों का विवाह बिना किसी कारण नहीं हो पा रहा हो उन्हें भगवान विष्णु को प्रतिदिन तुलसी का पत्ता अर्पण करना चाहिए. ऐसा करने से उन्हे सकारात्मक लाभ प्राप्त होगें धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हजारों घड़े अमृत से नहलाने पर भी भगवान विष्णु को इतनी तृप्ति नहीं मिलती है जितना एक पत्ता तुलसी चढ़ाने से मिलती है.

हिंदू पनचांग अनुसार तुलसी विवाह तिथि
इस साल तुलसी विवाह का पर्व 23 नवंबर, गुरुवार से शुरू है. हिंदू पंचांग के अनुसार 23 नवंबर को रात 9:05 मिनट से द्वादशी शुरू होकर अगले दिन यानी 24 नवंबर को शाम 5 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. इस साल उदय तिथि अनुसार, 24 नवंबर को तुलसी विवाह मनाया जाएगा.

(नोट – सम्पूर्ण जानकारी पौराणिक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है किसी प्रकार की तथ्यात्मक चूक की जिम्मेदारी लोकल 18 की नहीं है )

Tags: Dharma Aastha, Local18, Tulsi vivah

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