तीन माह में टूटी शादी, नहीं हारी हिम्मत! आज दिला चुकी हैं 1034 महिलाओं को इंसाफ

धीरज कुमार/किशनगंज. एक कहावत है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है. ऐसी ही कोशिश बिहार के पटना के बिहटा की रहने वाली शशि शर्मा ने कर के दिखाई है. शशि शर्मा के परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी मजबूत नहीं थी. पिता का एक छोटा सा बिजनेस उसी से परिवार और तीन भाई बहन के पढ़ाई का खर्च निकलते थे. ऐसे में शशि ने पटना में ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया और ट्यूशन पढ़ा कर बतौर प्रोटेक्शन ऑफिसर सफल हुई. 2017 में आगे जाकर उनकी मेहनत और लगन देखकर सरकार ने प्रमोशन भी दिया. वर्तमान में वह किशनगंज महिला हेल्पलाइन में बतौर केंद्रीय प्रशासक की पद पर कार्यरत हैं.

शशि शर्मा 2017 में महिला हेल्पलाइन में बतौर प्रोटेक्शन ऑफिसर पर पदस्थ थी कि 2 साल बाद उनकी शादी हुई. वह कहती हैं पहले तो ससुराल वालों ने बड़ी-बड़ी बातें की. फिर दहेज प्रताड़ना और पैसे की डिमांड करने लगी और कई दफा मारने की भी कोशिश हुई. आगे चलकर तीन महीने के अंदर ही शादी टूट गई. शशि शर्मा बताती है कि वह खुद महिला हेल्पलाइन के लिए काम करती है, हजारों महिलाओं को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा चुकी है. ऐसे में खुद के साथ ऐसी घटनाएं उन्हें एक वक्त तोड़ चुकी थी, लेकिन जीवन में ना हार मानने का जूनून और माता-पिता की हिम्मत से वह इन सभी घटनाओं से और ज्यादा मजबूत हुई.

बेटियों को पहले पढ़ाये
वह आगे बताती है नौकरी के 2 साल बाद मेरी शादी हो गई. शादी के पहले तो ससुराल वालों ने दहेज प्रताड़ित शुरू कर दिया. तीन महीने के अंदर तलाक हो गई. उस वक्त तो अचानक एक झटका सा लगा था, लेकिन इन सभी घटनाओं को पीछे छोड़कर आज हजारों महिलाओं को दहेज प्रथा बाल विवाह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से 1037 महिलाओं को न्याय दिला चुकी है. वह आगे कहती हैं कि हर पिता को अपनी बेटी की शादी के उनके होने वाले दामाद के पास जमीन नहीं. जमीर देखने की जरूरत है. बेटियों को पहले पढ़ाई, फिर कमाई और फिर जाकर सगाई करनी चाहिए‌.

समाज में आज भी है रुढ़िवाद
महिला हेल्पलाइन में बतौर केंद्रीय प्रशासक पदस्थ शशि शर्मा बताती है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बेटे-बेटियों के बीच असमानताएं दिखती है. लोग बेटे और बेटियों में भेदभाव करते हैं, जिसका उन्होंने खुद सामना किया है. समाज में आज भी रूढ़िवाद और पुरुष सत्ता काबिज है. जबतक ये असमानताएं नहीं मिटेगी, तबतक समाज राज्य और देश आगे नहीं बढ़ पायेगा. इसके लिए समाज के हर बुद्धिजीवियों को आगे आने की जरूरत है.

Tags: Bihar News, Kishanganj, Local18

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