दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को लिखे पत्र में विधानसभा सचिवालय के तीन अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए मंजूरी देने में अनिच्छा प्रकट की है।
विधानसभा अध्यक्ष का पत्र इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली सरकार के सेवा विभाग द्वारा विधानसभा सचिवालय को दिए गए इस स्पष्टीकरण के बाद आया है कि वहां तैनात तीन अधिकारियों ने स्थानांतरण की मांग की है और इस संबंध में आवेदन दिए हैं।
गोयल ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे पत्र में अपने पिछले आरोपों को दोहराया कि सेवा विभाग के अधिकारियों द्वारा विधानसभा अधिकारियों पर समितियों की कार्यवाही का खुलासा करने के लिए दबाव डाला गया, अन्यथा उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी गई।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘इसलिए मेरा मानना है कि इन तीन अधिकारियों का स्थानांतरण आवेदन दिल्ली विधानसभा के मामलों में अवैध और असंगत कारण बताओ नोटिस जारी करके उन्हें डराने धमकाने का परिणाम है।’’इस साल अगस्त में ‘फेलो’ की भर्ती के मामले में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय द्वारा सचिव सहित विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
गोयल ने कहा, ‘‘जहां तक तीन अधिकारियों के तबादले के अनुरोध की बात है, मैं उनके अनुरोध से सहमत होने के लिए पूरी तरह से अनिच्छुक हूं, और तदनुसार इस समय इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के समय से भलीभांति स्थापित परपंरा है कि विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना किसी अधिकारी को विधानसभा सचिवालय में या उसके बाहर स्थानांतरित नहीं किया जाता।
दिल्ली विधानसभा सचिव को लिखे पत्र में सेवा विभाग के एक उप सचिव ने कहा था कि विधानसभा सचिवालय में उप सचिव के पद पर तैनात तीन अधिकारियों द्वारा अपने पद पर तीन साल पूरा करने पर स्थानांतरण के लिए अनुरोध किया गया था।सेवा विभाग के पत्र में कहा गया है कि वास्तव में, दो अधिकारी पांच साल से अधिक समय से विधानसभा सचिवालय में तैनात थे।
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