तिलक लगाते समय इन नियमों का करें पालन, सही उंगली चमका देगी किस्मत!

विकाश पाण्डेय/सतना. हिन्दू धर्म में तिलक लगाने के अपने महत्व हैं. कुछ लोग इसे भगवान की कृपा दृष्टि से जोड़ कर देखते हैं तो कुछ मन और मस्तिष्क से जोड़ कर देखते हैं, लेकिन पौराणिक मान्यताओं में सभी उंगलियों के तिलक करने के अपने अपने महत्व होते हैं. जिनके फायदे और नुकसान भी अपने- अपने हैं, तो आइए जानते हैं पांचों उंगलियों के नाम और किन उंगलियों से चन्दन का टीका करना चहिए.

पण्डित रमाशंकर जी ने बताया कि हाथ की पांचों उंगलियों के तिलक के कुछ नियम हैं, जिनको ध्यान में रखते हुए ही तिलक लगाना चहिए क्योंकि हर उंगली के तिलक करने के अपने लाभ हैं. यदि सही तिलक के लिए उचित उंगली का प्रयोग नहीं किया जायेगा तो उसके लाभ भी आप को सही तरीके से नहीं मिल पायेंगे.

उंगलियों के तिलक करने संबंधी नियम और महत्त्व…
1. कनिष्ठा – शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली का प्रयोग तिलक लगाने में नहीं किया जाता है. इस उंगली का प्रयोग भूत क्रिया, तंत्र क्रिया इत्यादि की पूजा आदि पर तिलक के संबंध में प्रयोग किया जाता है.

2. अनामिका – ज्योतिष के अनुसार अनामिका उंगली को किसी भी पूजा-पाठ और अनुष्ठान में तिलक लगाने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. इस उंगली से माथे पर तिलक लगाने से शांति मिलती है और घर में समृद्धि आती है. देवताओं को शास्त्रों के अनुसार भी हिंदू देवी-देवताओं के फोटो पर तिलक लगाने के लिए अनामिका उंगली का ही प्रयोग करना चाहिए.

3. मध्यमा- मध्यमा उंगली से स्वयं को तिलक करना चाहिए. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि मध्यमा उंगली के मूल में विराजमान है. शनि ग्रह को जीवन के रक्षक के रूप में जाना जाता है. इसी वजह से मान्यता है कि मध्यमा अंगुली से तिलक लगाने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है.

4. तर्जनी – ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि मृत शरीर पर तर्जनी से तिलक लगाया जाता है, जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो इस उंगली में बृहस्पति ग्रह का स्थान माना जाता है और ब्रहस्पति अमरता का प्रतिनिधित्व करता है. यही कारण है कि अन्य अवसरों पर तर्जनी उंगली से तिलक लगाने की मनाही होती है. और कर्मकांड या पितृ कर्म में इसी उंगली से तिलक किया जाता है. कभी भी जीवित व्यक्ति को इस उंगली से तिलक नहीं लगाना चाहिए.

5. अंगूठा – हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि मध्यमा उंगली के मूल में विराजमान है. शनि ग्रह को जीवन के रक्षक के रूप में जाना जाता है.इसी वजह से मान्यता है कि अंगुली से तिलक लगाने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है. और पुरुष को यश की प्राप्ती होती है इसे वीरता का प्रतीक भी माना जाता है इससे व्यक्ति के बल और पराक्रम में वृद्धि होती है इसीलिए इस उंगली से यजमान, राजा, और सूरबीरों को तिलक किया जाता है.

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