
तिगरी मेले में भाग लेने पहुंचे श्रद्धालु
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कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए उत्तर भारत के ऐतिहासिक तिगरी गंगा मेले में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। रविवार की मध्य रात्रि से शुरू हुआ स्नान का सिलसिला सोमवार की देर शाम तक चला। इस दौरान पूरा मेला क्षेत्र मां गंगा के घोष से गूंजता रहा। तड़के में स्नान करने के बाद डेरे उखड़ने शुरू हो गए और श्रद्धालुओं का कारवां घरों की ओर लौटने लगा।
पहली बार 35 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई है। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा की रेती में चारों ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। मेले में पहुंचे करीब 35 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और मां गंगे को नमन कर आशीर्वाद मांगा। स्नान के बाद हवन पूजन किया और गंगा में पुष्प अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
इसके बाद डेरे उखड़ने शुरू हो गए और श्रद्धालुओं का कारवां घरों की ओर लौटने लगा। कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में 20 नवंबर से लगा तिगरी धाम मेला रविवार की मध्य रात्रि से ही शबाब पर था। मुख्य स्नान के लिए जिले समेत आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का रेला पुण्य लाभ के लिए तिगरी की ओर बढ़ा रहा था।
दूधिया रोशनी में नहाए मेला क्षेत्र की गंगा की रेती पर तिल रखने भर की जगह नजर नहीं आ रही थी। हर तरफ उल्लास का माहौल था, तमाम लोगों ने रात में ही स्नान करना शुरू किया, मगर भोर के बाद तो हर कोई गंगा स्नान के लिए उतावला नजर आया। पूरे दिन गंगा में श्रद्धालुओं के गोते लगाने का सिलसिला जारी रहा।
मुख्य स्नान के बाद खिचड़ी भोज हुआ। इसके बाद श्रद्धालुओं ने घरों का रुख कर दिया। इस साल सबसे अधिक 35 लाख श्रद्धालुओं के गंगा में डुबकी लगाने का अनुमान है। डीएम राजेश कुमार त्यागी और एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने गंगा घाटों का दौरा कर सुरक्षा का जायजा लिया। एसपी ने बताया कि तिगरी धाम मेला सकुशल संपन्न होने की तरफ है। मेले में किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हुई है।
विभिन्न संगठनों के कैंपों में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
तिगरी धाम। गंगा मेले में जहां एक ओर श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए खेल तमाशे और झूले लगाए गए थे। वहीं मेले में लगे विभिन्न संगठनों के कैंपों में रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहे।