ताजमहल के 22 बंद कमरों के पीछे, छुपा क्या राज? 2022 में किसने बोला था जांच हो

आगरा: दुनिया के सात अजूबे में से एक आगरा का ताजमहल बेहद ही खूबसूरत है. सफेद संगमरमर से बने इस मकबरे को शहंशाह ने अपनी मुमताज की याद में बनवाया था. इस ताज के दीदार करने के लिए सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हर साल लाखों लोग पहुंचते हैं. चलिए आज जानते हैं ताजमहल के बंद 22 कमरों के राज के बारे में.

आगरा में बने इस ताजमहल की खूबसूरती को देख हर कोई हैरत में पड़ जाता है. ताजमहल अपनी खूबसूरती के साथ साथ 22 बंद कमरों की वजह से भी चर्चा में बना रहता है. साल 2022 में ताज महल के इन बंद कमरों की जांच कराने की मांग अदालत से की गई थी. इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता रजनीश ने कोर्ट में इन कमरों में भगवान शिव की मूर्तिया होने का दावा किया था.

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22 कमरों के राज को लेकर बीबीसी की रिपोर्ट क्या कहती है?

जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ताजमहल के 22 बंद दरवाजों को खोलने की मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि हम ऐसी याचिका पर विचार नहीं कर सकते. बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, ताजमहल के बंद ये 22 कमरे तहखाने का हिस्सा है. इस महल के कई कमरे यमुना नदी की तरफ वाली छत पर कतार में है.  इन सभी कमरों का इस्तेमाल गर्मियों के मौसम में किया जाता था.

ताजमहल बनने में कुल कितने रुपए का आया था खर्चा?

ताजमहल एक मकबरा है जिसे मुग़ल बादशाह शाहजहां ने आगरा में यमुना नदी के किनारे 17वीं सदी में अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था. 1560 के आसपास दिल्ली में बने हुमायूं  के मकबरे की तर्ज पर ताजमहल बनवाया गया था. इतिहासकारों के मुताबिक, शाहजहां ने जब यह मकबरा बनवाया था तब इसमें लगभग 50 लाख रुपए तक का खर्चा आ गया था.

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