तांत्रिकों की यूनिवर्सिटी है उज्जैन का ये मंदिर, सिद्धि हासिल करने आते हैं लोग

शुभम मरमट/उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी, जिसे धार्मिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है. उज्जैन के नयापूरा क्षेत्र में एक मंदिर है, जो तंत्र सिद्धि के लिए भी जाना जाता है. इसे चौंसठ योगिनी का अनूठा मंदिर कहा जाता है. इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में मिलता है. यहां लोग तांत्रिक सिद्धिया हासिल करने आते हैं. आज 10 फरवरी से गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई है. इसमें तंत्र क्रिया का विशेष महत्व रहता है. तांत्रिक अपनी शक्तियों को बढ़ाने के लिए कई पूजा व अनुष्ठान करते हैं.

प्राचीन काल से यह मंदिर यहां विद्यमान है. यह योगिनियां देवी का ही स्वरूप हैं. चौसठ योगिनी माता मंदिर में यूं तो वर्षभर ही दर्शन-पूजन के लिए भक्त आते रहते हैं और भक्तगण अपनी मुराद पूरी होने पर मां को प्रसाद चढ़ाते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां प्रतिदिन अच्छी खासी रौनक देखने को मिलती है. इस दौरान यहां सैकड़ों श्रद्धालु आकर मां के दर्शन करते हैं और इस मंत्र का जाप करते हैं.
॥ जय मां चौंसठ योगिनी ॥

उज्जैन में प्रदेश का तीसरा मंदिर
राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर की स्थपना कराई थी. वैसे तो प्रतिदिन यहां सैकड़ों तांत्रिक साधना सिद्ध करने के लिए आते हैं. चौसठ योगिनियों के कई जगह मंदिर हैं, लेकिन मप्र में तीन बड़े मंदिरों में जबलपुर के भेड़ाघाट पर नर्मदा किनारे पहाड़ी पर किलेनुमा और चंबल संभाग में चौसठ योगिनियों के मंदिर हैं. तीसरा प्रमुख मंदिर उज्जैन का है, जो राजा विक्रमादित्य के कार्यकाल का है.

मंदिर के पुजारी पंडित मनीष व्यास ने बताया कि माता चौसठ योगिनी को तांत्रिक देवी कहा जाता है और तंत्र साधना के लिए यह स्थान अत्यंत विशेष महत्व रखता है. नवरात्रि पर्व पर वैसे तो मंदिर में प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती के पाठ और महाअष्टमी पर हवन किया जाएगा. साथ ही गुप्त नवरात्रि में यहां देश ही नहीं विदेशों के भी तांत्रिक उज्जैन आते हैं और माता का आशीर्वाद लेते हैं.

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