तस्वीरों से हुआ मणिपुर में दो छात्रों की हत्या की भयावह घटना का खुलासा, दो हथियारबंद लोग भी नजर आए

तस्वीरों से हुआ मणिपुर में दो छात्रों की हत्या की भयावह घटना का खुलासा, दो हथियारबंद लोग भी नजर आए

मणिपुर में 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 वर्षीय छात्र फिजाम हेमजीत की हत्या कर दी गई.

इंफाल/नई दिल्ली:

मणिपुर सरकार ने आज कहा कि वह जुलाई में लापता हुए दो छात्रों के शव दिखाने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद “त्वरित और निर्णायक” कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) इस मामले की जांच कर रही थी, हालांकि दोनों छात्रों के शव अभी तक नहीं मिले हैं. तस्वीरों में मैतेई समुदाय के दो छात्र, 17 वर्षीय हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत एक सशस्त्र समूह के जंगल में अस्थायी शिविर में घास वाले परिसर में बैठे हुए दिख रहे हैं.

तस्वीर में छात्रा लिनथोइनगांबी एक सफेद टी-शर्ट में है, जबकि हेमजीत चेक शर्ट में है और एक बैकपैक पकड़े हुए है. उनके पीछे दो बंदूकधारी आदमी साफ नजर आ रहे हैं. 

अगली फोटो में दोनों छात्रों के शव जमीन पर गिरे हुए नजर आ रहे हैं.

इस मामले ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैलाया है. कई लोगों ने सवाल उठाया है कि पुलिस को मामले को सुलझाने में इतना समय क्यों लगा. जुलाई में दोनों छात्र दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में दिखे थे, लेकिन उनका पता नहीं चल सका.

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि जांचकर्ता तस्वीरों को स्पष्ट बनाने और पीछे दिखाई देने वाले दो व्यक्तियों की पहचान निर्धारित करने के लिए उन्नत साइबर फोरेंसिक टूल का उपयोग करने की संभावना तलाश रहे हैं.

मणिपुर सरकार ने आज एक बयान में कहा कि, “यह राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि दो छात्रों की तस्वीरें… जो जुलाई 2023 से लापता हैं, सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. गौरतलब है कि राज्य के लोगों की इच्छा अनुसार यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है.”

सरकार ने कहा, “राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से उनके लापता होने के आसपास की परिस्थितियों का पता लगाने और दो छात्रों की हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से मामले की जांच की जा रही है. सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है.” 

सरकार ने कहा कि वह हेमजीत और लिनथोइंगंबी के अपहरण और हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ “त्वरित और निर्णायक कार्रवाई” करेगी. उसने जनता से शांति बनाए रखने और जांचकर्ताओं को अपना काम करने देने की अपील की.

पहाड़ी-बहुल कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मैतेईयों के बीच जातीय हिंसा 3 मई को शुरू हुई, जब मैतेईयों द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग को लेकर कुकी ने विरोध प्रदर्शन किया. हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.

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