तमिलनाडु में NDA और INDIA दोनों में सीट बंटवारे पर फंसा है पेंच, AIADMK के जाने के बाद बीजेपी की क्या है रणनीति?

तमिलनाडु में NDA और INDIA दोनों में सीट बंटवारे पर फंसा है पेंच, AIADMK के जाने के बाद बीजेपी की क्या है रणनीति?

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव को लेकर देश भर में सभी दलों की तरफ से तैयारी तेज कर दी गयी है. सभी राजनीतिक दल गठबंधन को अंतिम रूप देने में लगे हैं. तमिलनाडु में भी गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है. तमिलनाडु की राजनीति में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और विपक्षी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का प्रमुख आधार रहा है. एक तरफ जहां डीएमके इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगियों के साथ सीट समझौते को लेकर बात कर रही है वहीं एआईएडीएमके और बीजेपी के रिश्ते पिछले कुछ समय में खराब हो गए हैं. 

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इंडिया गठबंधन में भी नहीं चल रहा सबकुछ सही

डीएमके और कांग्रेस गठबंधन के अन्य सहयोगी बातचीत की धीमी रफ्तार को लेकर परेशान हैं. पिछले चुनाव में गठबंधन के तहत मिली 9 में से 8 सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली थी. बातचीत की धीमी रफ्तार पर सवाल द्रमुक-कांग्रेस के एक अन्य सहयोगी – वाइको के मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने भी उठाया है.

सूत्रों के अनुसार वाइको की पार्टी, दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं डीएमके की तरफ से एक ही सीट देने की तैयारी है. पिछले चुनाव में वाइको की पार्टी को एक सीट दी गयी थी और राज्यसभा में भी एक सीट दी गयी थी. 

वामदलों ने पिछले चुनाव में 4 सीटों पर दर्ज की थी जीत

सीएम स्टालिन की तरफ से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीआईएम को दो-दो सीटें दी गयी है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कोंगु देसा मक्कल काची को एक-एक सीट मिली है.। 2019 में भी, सीपीआई और सीपीआईएम ने चार चुनाव लड़े (और चार जीते) और आईयूएमएल और केडीएमके ने एक-एक चुनाव लड़ा. इन दलों ने अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज की थी. 

2019 में पीएमके ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी

वहीं पीएमके 2019 के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा थी, और उसे अन्नाद्रमुक के हिस्से से सात सीटें दी गई थीं.  हालांकि, छोटी पार्टी सभी सात सीटों पर चुनाव हार गयी थी. भाजपा और अन्नाद्रमुक के कृष्णासामी की पुथिया थमिझागम के साथ भी समझौता करने की कोशिश में है. दोनों ही दल उसे अपने पाले में लाना चाहते हैं. हालांकि चर्चा है कि वो एआईडीएमके के करीब है.

बीजेपी को मजबूत सहयोगी की है तलाश

तमिलनाडु में बीजेपी को अभी भी सहयोगी की तलाश है. राज्य में बीजेपी हमेशा से कमजोर रही है.  अन्नाद्रमुक के चले जाने के बाद से कोई बड़ा साझेदार बीजेपी को नहीं मिला है. एआईडीएमके ने भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई पर पार्टी के संस्थापक एमजी रामचंद्रन और उनके गुरु सीएन अन्नादुरई सहित अपने वरिष्ठ नेताओं पर हमला करने का आरोप लगाया था. 

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सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहते हैं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

गौरतलब है कि अन्नामलाई को बीजेपी ने तमिलनाडु में बीजेपी को मजबूत बनाने का काम सौंपा था. चर्चा है कि वो 39 नामों का लिस्ट लेकर दिल्ली जा रहे हैं. वो पार्टी नेतृत्व से अपने दम पर चुनाव लड़ने की मांग कर सकते हैं. अन्नामलाई ने कहा कि प्राथमिकता महिला उम्मीदवारों को दी गई है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ही अंतिम निर्णय लेगी. 

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बीजेपी को अभी भी AIADMK से उम्मीद

बीजेपी ने जीके वासन की तमिल मनीला कांग्रेस के साथ एक समझौता किया है – जिसने पिछले लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ा था और एक सीट हार गई थी – लेकिन राज्य में अपनी प्रोफ़ाइल को बढ़ावा देने के लिए अभी भी सहयोगियों की तलाश कर रही है.  साथ ही, बीजेपी ने अभी तक यह उम्मीद नहीं छोड़ी है कि उसके पूर्व सहयोगी यू-टर्न लेंगे. पिछले हफ्ते पार्टी ने अपने पोस्टरों में एमजीआर और उनकी उत्तराधिकारी जे जयललिता की तस्वीरों का इस्तेमाल किया था. हालांकि  अन्नाद्रमुक ने इसे “घटिया राजनीति” बताया था. डी जयकुमार ने कहा था कि हमारी पार्टी एनडीए में शामिल नहीं होगी. 

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