15 फरवरी 1932, यह वह तारीख थी जब तारापुर की धरती तिरंगा फहराने के क्रम में कई क्रांतिकारी शहीद हुए थे. यू कहें कि जालियांवाला बाग के बाद तारापुर ही वह दूसरी जगह थी, जहां अंग्रेजों की गोली से बड़े पैमाने पर लोग शहीद हुए थे. इन अमर शहीदों की याद में हर वर्ष की भांति राजकीय समारोह के साथ शहीद दिवस 15 फरवरी को मनाया जा रहा है. इसको लेकर भव्य तैयारी की गई है.
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