अमित कुमार/समस्तीपुर : समस्तीपुर में एक समय तंबाकू की खेती बड़े पैमाने पर होती थी. किसान इससे बेहतर मुनाफा भी कमाते थे. पर जैसे-जैसे मुनाफा कम होना शुरू हुआ, किसान भी दूसरे फसल की ओर रुख कर लिए. इसमें एक किसान हैं जो तंबाकू की छोड़ फूलों की बागवानी शुरू की.
समस्तीपुर जिला के मोरवा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मरीचा गांव के रहने वाले किसान संजीत कुमार पारंपरिक खेती से हटकर गेंदा फूल की खेती कर प्रति महीने अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही पारंपरिक खेती पर आश्रित थे. मेहनत अधिक और फसल का अच्छा मुनाफा न मिलने से तंग आकर पडोसी से सलाह ली और गेंदा फूल की खेती अपना ली. अब 13 कट्ठा में इसकी खेती कर रहे हैं. इससे प्रति कट्ठा 15 हजार की आमदनी होती है.
पड़ोसी करते थे बड़े पैमाने पर खेती, यहीं से मिला आइडिया
संजीत कुमार बताते हैं कि उनके पड़ोसी द्वारा बड़े पैमाने पर गेंदा फूल की खेती की जाती थी. जब इन्होंने फूल की खेती शुरू की तो उनके बगल वाले किसान फूलों की खेती करना बंद कर दिए. आज मरिचा गांव की रहने वाले संजीत 13 कट्ठा में फूलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं.
किसान संजीत कुमार बताते हैं कि पारंपरिक कृषि में मेहनत अधिक लगती थी, वहीं मुनाफा बेहद कम हुआ करता था. साथ ही मौसम बारिश पर काफी निर्भर होना पड़ता था. इन सभी परेशानी से तंग आकर गेंदा फूल की खेती करना शुरू किया हूं.
खर्चा काटकर प्रति कट्ठा 15 हजार की होती है कमाई
संजीत कहते हैं कि विवाह के समय तो लोकल स्तर पर ही तैयार फूल आसानी से बिक जाया करता था. लेकिन अभी के समय में लगन नहीं रहने की वजह से फूल की बिक्री लोकल स्तर पर नहीं होतीहै. उसे मधुबनी भेज देते हैं, वहां से भी अच्छी इनकम हो जाता है.
उन्होंने बताया कि फूलों का पौधा बंगाल सेमंगवाया हूं. आज 13 कट्ठा खेतों में फूलों की खेती कर हर 4 महीने पर प्रतिकट्ठा ₹15000 का खर्चे काटकर बच जाता है. साल में दो बार फूल खेत में लगाते हैं. वही सालाना इनकम की बात करें तो खर्चे काटकर 13 कट्ठा में 4लाख से अधिक रुपए की बचत होती है.
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FIRST PUBLISHED : January 7, 2024, 16:15 IST