गौरव सिंह/भोजपुर. ड्रैगन फ्रूट की डिमांड अब बिहार ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है. जितना यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. उतना ही बिजनेस के लिए भी लाभदायक है. कम उपज और विदेशी फल होने की वजह से इसका रेट भी हाई है. इसी बीच बिहार के आरा में पहली बार बड़े पैमाने पर ड्रैगन फ्रूट (कमलम) की खेती की गई है. खास बात यह है कि इसका पौधा एक बार लगा देने पर 25 से 30 साल तक फल देता है. आरा के बिहियां प्रखंड के यादवपुर गांव निवासी उद्योगपति जितेंद्र सिंह ने ड्रैगन फ्रूट के 6 हजार पौधे लगाए है. इनका दावा है कि पूरे बिहार में पहली बार ड्रैगन फ्रूट की खेती इतने बड़े पैमाने पर की गई है.
बता दें कि ड्रैगन फ्रूट आम तौर पर आरा जैसे लोकल मार्केट में नहीं मिलता है. पटना में भी गिने-चुने जगहों पर ही यह मिलता है. इसका मुख्य मार्केट कोलकाता, बनारस जैसे बड़े शहरों में ही होता है. इसकी कीमत 150 रुपए से लेकर 300 रुपए किलो तक होती है. इस फल के छिलके ढके रहते हैं. इस कारण यह फल पुराने जीव ‘ड्रैगन’ जैसा दिखता है. इसलिए इसका नाम ड्रैगन फ्रूट रखा गया है.
ऐसे की जाती है खेती
ड्रैगन फ्रूट खेती पौधे और बीज दोनों से ही हो सकती है. हालांकि, अगर आप बीज से खेती करेंगे तो फल आने में 4-5 साल लग सकता है. जबकि कलम से बनाए गए पौधे से खेती करने पर दो साल में ही फलन शुरू हो जाता है. इसकी खेती कम पानी में भी हो सकती है. खेती शुरू करने से पहले खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर खाद जरूर डालें, ताकि पौधे को पोषक तत्व की कोई कमी ना हो. पहले इसकी खेती कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, अंडमान, निकोबार द्वीप समूह, मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्यों में होती थी. लेकिन, अब बिहार में भी इसकी खेती करना शुरू हो गई है.
कम पूंजी में मिलता है बेहतर मुनाफा
जितेंद्र सिंह बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की खेती मेंएक बार लागत आता है. एक बार बीज या पौधे के माध्यम से इसे लगाया जाता है. इसमें कम से कम पानी की जरूरत होती है. साल में 3 से 4 बार ही पटवन होता है. न्यूनतम उर्वरता वाली मिट्टी में भी इसकी अच्छी पैदावार होती है. साथ ही इसे एक बार लगा देने पर करीब 30 साल तक फल देता है. बस हर साल रख रखाव करना होता है. एक बार लागत के बाद सालाना 5 से 7 लाख का इनकम होगा.
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FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 15:45 IST