ड्राइवर बनकर जैसे-तैसे चल रही थी जिंदगी, फिर ढाबे पर आया धांसू आइडिया; अब हर महीने 1 लाख की कमाई

नीरज कुमार/बेगूसराय: परिवार की जिंदगी को सुखमय बनाने के लिए रोजगार की तलाश में हर रोज लोग गांव की पगडंडियों को छोड़ शहर की सड़कों पर खाक छानने निकल पड़ते हैं. काफी मेहनत और मशक्कत के बाद खुद का किसी तरह गुजारा कर परिवार के लिए कुछ धन अर्जित कर पाते हैं. ऐसी ही जिंदगी ड्राइवर की भी होती है. कई ड्राइवर अच्छी आमदनी प्राप्त करने के लिए अपने परिवार को पीछे छोड़कर बड़े शहरों की ओर पलायन कर लेते हैं. वहीं, कुछ लोग बड़े शहरों में स्थापित न होकर अपने सपने को पूरा करने के लिए किसी आइडिया की तलाश में रहते हैं. बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले गणेश सिंह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उनका सपना किसी बड़े संस्थान या कंपनी ने नहीं बल्कि सड़क के किनारे एक छोटे से ढाबा ने पूरा कर दिया. हर माह 10 हजार की कमाई करने वाले गणेश सिंह को भी ढाबे पर ही रोजगार का आइडिया मिला. अब वह मुर्गी फार्म के सहारे हर महीने एक लाख की कमाई कर रहे हैं.

बेगूसराय के चेरियांबरियारपुर प्रखंड की विक्रमपुर पंचायत के रहने वाले मुर्गा पालक गणेश सिंह की पहचान पहले एक ड्राइवर के रूप में थी. वह अपने गाड़ी में मुर्गा भरकर बाजार तक पहुंचाने का काम करते थे, लेकिन एक दिन ढाबा पर मुर्गा खाते वक्त मुर्गी पालन से होने वाली कमाई की चर्चा से उनकी किस्मत ही बदल गई. गणेश के मुताबिक, ढाबे पर मुर्गी पालन से होने वाली कमाई की कहानी सुनकर चालक की नौकरी छोड़कर मुर्गी पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए अपने गांव लौट आए. इसके बाद बैंकों के चक्कर लगाए, लेकिन बैंक से लोन नहीं मिल पाया. फिर साहूकारों से कर्ज लेकर मुर्गी पालन शुरू कर दिया. गणेश सिंह ने बताया कि पिछले तीन साल से मुर्गी पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं. अब इलाके के लोग भी जानने लगे हैं.

हर महीने एक लाख की कमाई
गणेश सिंह ने बताया कि एक कट्ठा में 300 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा मुर्गी फार्म का शेड है. जहां एक बार में 7 हजार के आसपास मुर्गी का पालन करते हैं. उन्होंने बताया कि हर 45 दिनों में 4 से 5 लाख का मुर्गी तैयार कर बाजार में बेच लेते हैं. इन मुर्गियों को पालने में ढाई से 3 लाख का खर्च हर महीने आता है. वहीं, मुर्गियों की देखने के लिए तीन लोगों को रोजगार भी दिया है और उनको 10 हजार की सैलरी दी जाती है. गणेश ने बताया कि बॉयलर के साथ देसी मुर्गियों को भी पालते है. इसमें नुकसान की संभावना बेहद कम होती है. हर महीने एक लाख तक की कमाई हो जाती है.

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