मिलवॉकी: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी हार के बाद नतीजों को पलटने की कोशिश में विद्रोह किया था और यह अब ‘स्पष्ट’ है. जो बाइडन ने हालांकि कोलोराडो के उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कि जिसमें कहा गया है कि 2021 में अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) पर हुए हमले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका थी और इस कारण वह अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकते.
जो बाइडन ने विस्कोंसिन में संवाददाताओं से कहा, ‘14वां संशोधन लागू होता है या नहीं, अदालत इस पर निर्णय लेगी. लेकिन उन्होंने (ट्रंप) यकीनन विद्रोह को हवा दी. इसमें शक की कोई गुंजाइश ही नहीं है.’ बाइडन ने ट्रंप की ओर से हाल में की गई उन टिप्पणियों के लिए भी उनकी आलोचना की कि प्रवासी देश के ‘रक्त में जहर घोल रहे हैं.’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे विश्वास नहीं होता कि एक पूर्व राष्ट्रपति ने कल फिर दोहराया कि प्रवासी हमारा रक्त प्रदूषित कर रहे हैं. जब हम देश में काबिल लोगों को आने देते हैं तो हमारी अर्थ व्यवस्था और हमारा देश मजबूत होता है.’
बाइडन की यह यात्रा ट्रंप के खिलाफ कोलोराडो के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के एक दिन बाद हुई है. अमेरिका के कोलोराडो राज्य के उच्चतम न्यायालय ने हैरान कर देने वाले एक फैसले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर राष्ट्रपति पद का अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. अदालत ने संसद भवन पर हुए अभूतपूर्व हमले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका का जिक्र करते हुए यह रोक लगाई और साथ ही राज्य में राष्ट्रपति प्राइमरी मतपत्र से ट्रंप का नाम हटाने का आदेश भी दिया.
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (77) को अयोग्य ठहराए जाने वाला यह फैसला संविधान के 14वें संशोधन से जुड़ा है जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी संविधान को समर्थन देने, उसका पालन करने तथा उसे अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए शपथ लेने वाले अधिकारी यदि ‘‘विद्रोह में शामिल होते हैं’’ तो उन पर भविष्य में कार्यालय में शामिल होने पर रोक रहेगी. कोलोराडो उच्चतम न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ ने यह निर्णय 4-3 के मत से सुनाया.
ट्रंप अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन प्रक्रिया में सबसे आगे हैं. ट्रंप के प्रचार अभियान दल ने कोलोराडो के उच्चतम न्यायालय के ‘त्रुटिपूर्ण’ फैसले को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का संकल्प जताया है. प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने अदालत के इस फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार किया. उन्होंने कहा,‘राष्ट्रपति शामिल नहीं हैं, हम इसमें शामिल नहीं हैं. यह कानूनी प्रक्रिया है और हम इसमें शामिल नहीं हैं.’
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2023, 09:31 IST