डॉ. वंदना दास की हत्या के मामले की CBI जांच की जरूरत नहीं: केरल सरकार

तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि डॉ. वंदना दास की हत्या के मामले की जांच राज्य पुलिस द्वारा ठीक से की गई थी, इसलिए, इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की कोई जरूरत नहीं है। पिछले साल मई में कोल्लम जिले के एक तालुक अस्पताल में डॉ वंदना दास की एक मरीज ने हत्या कर दी थी। पीड़िता के माता-पिता की मांग है कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। 

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जांच की गई और बिना किसी देरी के पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। उन्होंने कहा कि इसी कारण केरल उच्च न्यायालय ने पीड़िता के माता-पिता की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी। विजयन ने यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) विधायक मॉन्स जोसेफ से पूछा तो, सरकार किस आधार पर सीबीआई जांच का आदेश दे सकती है? 

केरल उच्च न्यायालय ने, डॉ. वंदना दास की हत्या के मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली, उनके माता-पिता की याचिका को पिछले हफ्ते खारिज कर दिया था और कहा था कि पुलिस जांच की ईमानदारी या विश्वसनीयता पर शक करने की कोई वजह नहीं है। पीड़ित के परिवार ने उच्च न्यायालय में उनकी याचिका खारिज करने पर सरकार की आलोचना की थी। डॉ वंदना दास के पिता मोहनदास ने भी कहा था कि परिवार सीबीआई जांच के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज करने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगा। 

कोट्टायम जिले के कडुथुरुथी क्षेत्र की रहने वाली डॉ. दास अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। वह अजीजिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक हाउस सर्जन थीं और अपने प्रशिक्षण के तहत कोट्टाराक्कारा तालुका अस्पताल में काम कर रही थीं। पिछले साल 10 मई को पुलिस संदीप नामक आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल लाई थी। उसने पैर की चोट के इलाज के दौरान पहले तो सर्जिकल ब्लेड से पुलिस अधिकारियों और एक व्यक्ति पर हमला किया और फिर डॉ. वंदना दास पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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