डेंगू और वायरल बुखार के लक्षणों में क्या होता है अंतर? किस तरह करें पहचान, जानें आसान तरीका

हाइलाइट्स

डेंगू एक जानलेवा फीवर है, जिसमें प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है.
वायरल बुखार दवा लेने पर तीन से पांच दिनों में ठीक हो सकता है.

Dengue & Viral Fever Symptoms: देश के कई राज्यों में इस वक्त डेंगू और वायरल फीवर का प्रकोप देखने को मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग इनकी चपेट में आ रहे हैं. बरसात के मौसम में मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है, जिससे डेंगू का कहर बढ़ जाता है. वायरल फीवर और डेंगू के ज्यादातर लक्षण एक जैसे होते हैं, जिसकी वजह से बुखार आने पर यह पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है कि यह डेंगू है या वायरल बुखार. कई बार लोग इसे लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं और इससे उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है. ऐसे में बुखार आने पर सही समय पर डेंगू और वायरल की कंफ्यूजन दूर कर लेनी चाहिए. आज डॉक्टर से जानेंगे कि बुखार आने पर डेंगू और वायरल की पहचान किस तरह की जा सकती है. साथ ही यह भी जानेंगे कि इन दोनों का ट्रीटमेंट क्या है.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत के मुताबिक डेंगू का संक्रमण एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जबकि वायरल बुखार इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से फैलता है. दोनों ही वायरल बुखार हैं, लेकिन डेंगू बेहद खतरनाक होता है. डेंगू की वजह से लोगों की मौत भी हो सकती है, जबकि वायरल बुखार कुछ दिनों में दवा लेने से ठीक हो जाता है. मच्छर वाले एरिया में रहने वाले लोगों को डेंगू होने का खतरा ज्यादा होता है. डेंगू संक्रमित मच्छर से दूसरे लोगों में फैलता है, जबकि वायरल बुखार संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल जाता है. डेंगू और वायरल फीवर के लक्षणों के बारे में सभी को जान लेना चाहिए, ताकि किसी तरह की कंफ्यूजन न हो.

डेंगू और वायरल फीवर के लक्षण

डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि डेंगू और वायरल फीवर दोनों के अधिकतर लक्षण एक जैसे होते हैं. दोनों ही संक्रमण की चपेट में आने पर लोगों को बुखार, सिरदर्द, खांसी, शरीर में दर्द, वीकनेस, त्वचा पर लाल चकत्ते और उल्टी जैसे लक्षण नजर आते हैं. हालांकि कुछ लक्षणों से यह पहचान की जा सकती है कि बुखार वायरल है या फिर डेंगू की वजह से है. डेंगू होने की कंडीशन में बुखार बहुत तेज आता है और शरीर में अत्यधिक तेज दर्द होता है. डेंगू संक्रमण की वजह से लोगों का प्लेटलेट काउंट तेजी से कम हो जाता है, जबकि वायरल में प्लेटलेट काउंट में गिरावट नहीं होती है. वायरल बुखार 3 से 5 दिनों में आसानी से ठीक हो जाता है, जबकि डेंगू फीवर लंबे समय तक रहता है और तबीयत लगातार बिगड़ती जाती है.

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2-3 दिन बाद जरूर कराएं ब्लड टेस्ट

डॉक्टर की मानें तो बुखार 2-3 दिनों तक रहे और कंडीशन में सुधार न हो, तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. अगर ब्लड टेस्ट में प्लेटलेट काउंट कम होता दिखे, तो यह डेंगू का प्रमुख लक्षण है. इस दौरान बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क कर इलाज करवाना चाहिए. डेंगू एक खतरनाक बुखार है, जिसमें खुद इलाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. बुखार आने पर लोगों को सिर्फ पैरासिटामोल टैबलेट लेनी चाहिए. डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. ऐसा करना जानलेवा हो सकता है. बुखार आने पर सतर्कता बरतें और मच्छरों से बचाव करें.

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