संसद के दोनों सदनों में बुधवार को लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन को लेकर गुरुवार और शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ- जिसके परिणामस्वरूप एक दर्जन सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इन सब के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को पूछा कि विपक्षी नेता पीएम मोदी या गृह मंत्री अमित शाह से बयान लेने पर क्यों तुले हुए हैं जबकि सरकार लोकसभा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लोकसभा की सुरक्षा सरकार की नहीं लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है, इस पर गृह मंत्री क्यों जवाब देंगे?
भाजपा सांसद ने कहा कि लोकसभा में आज तीन अहम बिल पेश होने थे लेकिन कांग्रेस ने सदन नहीं चलने दिया। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल 1974 को रतनलाल नामक शख़्स संसद के दर्शक दीर्घा में पिस्तौल लेकर पहुँच गया। भाजपा/ जनसंघ ने कभी भी लोकसभा अध्यक्ष का इस्तीफ़ा नहीं मॉंगा,क्योंकि संसद के पूरे भवन की सुरक्षा का ज़िम्मा केवल और केवल लोकसभा सचिवालय का है। कांग्रेसी व विपक्षी शर्म करो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का तो ज़िक्र तक नहीं किया,क्योंकि संसद की सुरक्षा केवल लोकसभा सचिवालय का है।
एक अन्य एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा कि 5 मई 1994 प्रेमपाल लोकसभा के दर्शक दीर्घा से कूदकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव तक चला गया, भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष का इस्तीफ़ा नहीं माँगा। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का ज़िक्र नहीं किया, क्योंकि संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय का अधिकार है, तत्कालीन लोकसभा के उपाध्यक्ष भाजपा के ही मल्लिकार्जुन थे। कांग्रेस शर्म करो। घटिया राजनीति अच्छी नहीं है। निशिकांत दुबे के ट्वीट में 13 दिसंबर के सुरक्षा उल्लंघन को पिछली ऐसी घटनाओं से जोड़ते हुए विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
5 मई 1994 प्रेमपाल लोकसभा के दर्शक दीर्घा से कूदकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव तक चला गया,भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष का इस्तीफ़ा नहीं माँगा। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का ज़िक्र नहीं किया,क्योंकि संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय का अधिकार है,तत्कालीन लोकसभा के उपाध्यक्ष भाजपा के ही… pic.twitter.com/jRS0DrBkB3
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) December 15, 2023