डिजिटल मुद्रा का थोक इस्तेमाल कॉल मनी मार्केट में करने की आरबीआई की योजना

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) प्रायोगिक तौर पर संचालित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के थोक इस्तेमाल का अंतरबैंक उधारी या कॉल मनी मार्केट में टोकन के तौर पर विस्तार देने की योजना बना रहा है।

नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) प्रायोगिक तौर पर संचालित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के थोक इस्तेमाल का अंतरबैंक उधारी या कॉल मनी मार्केट में टोकन के तौर पर विस्तार देने की योजना बना रहा है। आरबीआई सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आरबीआई ने एक नवंबर, 2022 को सीबीडीसी के थोक इस्तेमाल का प्रायोगिक परीक्षण शुरू किया था। हालांकि, इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों में शेयर लेनदेन के निपटान तक ही सीमित था।

आरबीआई के सूत्रों ने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक अब अंतर-बैंक ऋण बाजार में कदम रखने की योजना बना रहा है। थोक सीबीडीसी का मकसद विभिन्न प्रौद्योगिकियों को आजमाने का रहा है..।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में सीबीडीसी को लाने का ऐलान किया था। इसके लिए वित्त विधेयक 2022 पारित होने के साथ आरबीआई अधिनियम, 1934 की संबंधित धारा में जरूरी संशोधन किए गए थे।
इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा के थोक इस्तेमाल का प्रायोगिक परीक्षण शुरू किया।

इसमें देश के नौ बैंकों को भागीदार के रूप में शामिल किया गया था।
इसके कुछ समय बाद आरबीआई ने एक दिसंबर, 2022 को सीबीडीसी के खुदरा इस्तेमाल का परीक्षण भी शुरू कर दिया था। यह एक डिजिटल टोकन के रूप में है जो वैध मुद्रा का भी प्रतिनिधित्व करता है।
हालांकि, सूत्रों ने स्वदेशी भुगतान प्रणाली ‘रुपे’ के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसे बढ़ावा देने के बारे में कोई भी निर्देश नहीं दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रुपे को आकर्षक बनाकर लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
सूत्रों ने डिजिटल मुद्रा पायलट परियोजना की समाप्ति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके लिए कोई समयसीमा नहीं तय की गई है।

इस परीक्षण के दौरान अगस्त महीने में 24,000 करोड़ रुपये के कुल 10.83 करोड़ लेनदेन हुए।
इस बीच, रिजर्व बैंक इस सप्ताह के अंत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के प्रदर्शनी मंडप में वित्तीय क्षेत्र की अपनी विभिन्न डिजिटल पहल को प्रदर्शित करेगा। इनमें फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म (पीटीपी), सीबीडीसी, यूपीआई वन वर्ल्ड, रुपे ऑन-द-गो और भारत बिल भुगतान प्रणाली शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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