अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: लोगों को मीठा खाने का शौक तो बहुत रहता है. लेकिन डायबिटीज के डर से लोग शक्कर का सेवन कम ही करते है. लेकिन अब आपको शुगर से परहेज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कानपुर के नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट ने एक खास प्रकार की शुगर की तकनीक विकसित की है जिससे लोगों को शक्कर के सेवन से डायबिटीज का खतरा बेहद कम हो जाएगा. इस शक्कर के सेवन से शुगर लेवल नियंत्रण बाहर नहीं होगा बल्कि यह सीमा रेखा के अंदर ही रहेगा.
आपको बता दें कि कानपुर के नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट में शुगर को लेकर तरह-तरह के शोध किए गए हैं. वहीं यहां पर 1 साल से लो जीआई वाली शुगर को बनाने का शोध चल रहा था. जिसमें संस्थान के विशेषज्ञों को कामयाबी मिल गई है. उन्होंने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली शुगर उत्पादन की तकनीक विकसित की है. इस तकनीक की खासियत यह है कि इस तैयार शुगर से डायबिटीज का खतरा नहीं रहेगा बल्कि लोगों में विटामिन ए की कमी को भी यह शुगर पूरी करेगी.
चीनी पर की जा रही रिसर्च
नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि एक साल से लो जीआई वाली शुगर बनाने के लिए संस्थान में शोध चल रहा था. जिसमें अब जाकर सफलता मिली है. इसमें श्रुति शुक्ला और स्वेच्छा सिंह की टीम ने सीनियर शोध करता अनुष्का कनोडिया की देखरेख में यह सफलता हासिल की है.
बनाई गई है केमिकल फ्री शुगर
वहीं ग्लाइसेमिक इंडेक्स की बात की तो यह वह स्तर होता ह, जो भोजन कोच शुगर के अनुसार वर्गों में बनता है. जिसका जआई जितना अधिक होगा, उसे शुगर होने का खतरा उतना ही ज्यादा होगा. वहीं जिस चीज में जी आई वैल्यू कम होगी. उसमें शुगर का खतरा कम होगा. इसी वजह से जो यह शक्कर तैयार की गई है यह काम की वाली है. इसी वजह से इसका सेवन करने से किसी भी तरीके की डायबीटीज की दिक्कत नहीं होगी और लोग मीठे का भी मजा भरपूर ले सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2023, 21:03 IST