पटना. महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के क्रम में राजद सांसद मनोज झा के संसद में कविता पाठ पर बिहार में ठाकुर- ब्राम्हण विवाद बढ़ता ही जा रहा है. जदयू के एमएलसी संजय सिंह ने इसको लेकर मनोज झा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ‘ठाकुर आग है, कोई ऐसा दमकल नहीं बना जो इसे बुझा पाए, लगता है मनोज झा ब्राम्हण कुल में पैदा नहीं हुए. हमने भी चूड़ियां नहीं पहन रखीं, ठाकुर अपनी गर्दन दे भी सकता है और गर्दन काट भी सकता है. बता दें कि इससे पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन ने भी मनोज झा के लिए कहा था कि अगर वह संसद में होते तो उनकी जीभ खींच लेते और आसन की ओर उछाल देते.
बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन ने मनोज झा पर हमला बोलते हुए कहा कि आप अगर इतने ही बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो? जिस सरनेम की आप आलोचना करते हैं पहले उसे तो छोड़कर आइए. आनंद मोहन ने कहा कि आप कहते हैं कि ठाकुर को मारो. आप ठाकुर को कहां-कहां से मारोगे. रामायण में ठाकुर, महाभारत में ठाकुर, दर्जनों-सैकड़ों कथावाचक 25 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये लेकर इसी ठाकुर को जपकर पेट पालता है. उन्होंने कहा, मंदिरों में जहां तुम घंटी बजाते हो, शंख बजाते हो, वहां ठाकुर बैठे हुए हैं.
इससे पहले आनंद मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि हम “ठाकुर” हैं साहब!! सबको साथ लेकर चलते हैं! इतिहास में सबसे अधिक बलिदान हमारा है! समाजवाद में किसी एक जाती को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं! जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे!!
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक नीरज बबलू ने कहा है कि मनोज झा मेरे सामने बोलते तो पटक के मुंह तोड़ देते. भाजपा के विधायक ने कहा कि इस देश की रक्षा ठाकुरों ने की है, अगर ठाकुर न होते तो हिंदुस्तान का नाम मुगलिस्तान होता. बिहार बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कमार सिंह भी राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा पर अपना गुस्सा उतारा है.
भाजपा नेताओं ने राजद सांसद पर हमला बोला
अरविंद सिंह ने कहा कि उनको पता नहीं है कि श्री राम के वंशज, महाराणा प्रताप के वंशज, रानी लक्ष्मी बाई का वंशज और पृथ्वी राज चौहान के वंशज को इस तरह से गाली देना है तो ठीक है. अगर भारत की इतिहास से ठाकुरों को हटा दिया जाए तो ये देश इतिहास विहीन हो जाएगा. बीजेपी नेता ने कहा कि ठाकुरों को अपमानित करना दुर्भाग्यपूर्ण है. आरजेडी में थोड़ा सा स्वाभिमान बचा है तो उन्हें पार्टी से निकाला जाए.
मनोज झा पर इसलिए गुस्से में हैं राजपूत नेता
बता दें कि महिला आरक्षण बिल पर सदन में अपनी बात रखते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा था कि इस बिल को दया भाव की तरह पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि दया कभी अधिकार की श्रेणी में नहीं आ सकता है. आखिरी में उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़कर अंदर के ठाकुरों को मारने का आह्वान किया था.
मनोज झा ने राज्यसभा में सुनाई थी कविता
मनोज झा ने राज्यसभा में जो कविता सुनाई थी वह यूं है- “चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का. भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का. बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की. कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?” मनोज झा के इसी बयान पर ब चेतन आनंद ने फेसबुक पोस्ट कर उनके विचारों का विरोध किया है.
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Tags: Bihar News, Controversial statement
FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 16:55 IST