अंजली शर्मा/कन्नौजःकोहरे और धुंध से क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (सीओपीडी) के मरीज की आफत बढ़ गई है. मौसम में ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में दिक्कतें हो रही है.जरा सी लापरवाही पर निमोनिया की चपेट में लोग आकर अस्पताल पहुंच रहे हैं.ऐसे में कुछ सावधानियां बरत कर लोग अपनी बहुत हद तक समस्या का समाधान कर सकते हैं और लापरवाही कर समस्या को आमंत्रण भी दे सकते हैं.बुजुर्गों को इस वक्त सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. जिनकी उम्र 55 साल के ऊपर है.
सर्द हवाओं के साथ अब प्रतिदिन सर्दी बढ़ने लगी है. ऐसे में कोहरे का भी बड़ा असर देखने को मिल रहा है. पूरा दिन ढूंढ बनी रहती है. जिस कारण ऑक्सीजन लेवल काफी डाउन हो गया है. ऐसे में क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (सीओपीडी) से ग्रसित मरीजो को सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
कैसे करें बचाव
बुजुर्गों को इस वक्त सबसे ज्यादा ख्याल रखना है.सुबह धूप निकलने पर ही घर से निकले अपने साथ इनहेलर और जरूरी दवाएं जरूर रखें. 65 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज को अपना विशेष ध्यान रखना है.सांस फूलने, थकान, चक्कर आने या शरीर नीला पड़ने पर तत्काल विशेषज्ञ को दिखाएं.
क्या बोले सीएमएस
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर शक्ति बसु ने बताया कि बीते कुछ दिनों से ठंड बढ़ रही हैऔर आने वाले समय में और बढ़ेगी ऐसे में बुजुर्गों को और उन लोगों को जिनको सांस से संबंधित समस्या है. विशेष ध्यान रखने वाला है.वहीं कुछ घरेलू उपचार भी लोगों को करना बहुत जरूरी है. नहाते वक्त यह विशेष ध्यान रखा जाए कि एकदम से सर से ठंडा पानी ना डाला जाए पैरों से शुरू करते-करते धीरे-धीरे आगे को बढ़ा जाए ताकि बॉडी का टेंपरेचर एकदम से नहीं आराम से अपना वर्क करें.बुजुर्ग धूप निकलने तक घर से बाहर न निकले वहीं कपड़ों में ऊनी कपड़ों का ज्यादा प्रयोग करें. सर को पूरी तरह से ढक कर चले वही खाने पीने में बासी खाना व ठंडी तासीर वाले चीजों से थोड़ा सा बचे कोशिश करें कि गर्म फूड ही खाएं.
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FIRST PUBLISHED : January 1, 2024, 15:31 IST