ट्रैकिंग पर गई मालिक की जान, 2 दिन तक शव को जंगली जानवर से बचाता रहा डॉग

हाइलाइट्स

तेज बर्फबारी के कारण दो लोगों ने सड़क के बीच में ही अपनी कार छोड़ दी और पैदल सफर करने लगे.
खाई में गिरकर दोनों की मौत हो गई, जिस वक्‍त यह हादसा हुआ उनके साथ पेट डॉग भी मौजूद था.

नई दिल्‍ली. किसी ने सही कहा है कि कुत्ते ही इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं. यह बात एक बार फिर हिमाचल के बिल-बिलिंग में साबित हो गई. यहां जर्मन शेफर्ड कुत्ते वफावादी की मिसाल पेश की. यह कुत्ता 48 घंटे तक बर्फ के बीच खड़े होकर अपने मालिक के शव को जंगली जानवरों से बचाता रहा. इस कुत्‍ते का नाम अल्फा है, जो 9,000 फीट की ऊंचाई पर अपने मालिक अभिनंदन गुप्ता और उनके दोस्त परनिता बाल साहिब के शवों की रक्षा कर रहा था.

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे निवासी अभिनंदन गुप्ता और उनके दोस्त साहिब रविवार 4 फरवरी दोपहर को एक निजी कार से बिलिंग पहुंचे. बीर के पास चोगान में अपने बेस कैंप पर लौटते समय, भारी बर्फबारी के कारण दोनों ने अपनी कार बीच में ही छोड़ दी और कुत्ते अल्फा के साथ पैदल ही रास्ता तय करना शुरू कर दिया.

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जंगली जानवरों से 2 दिन करता रहा रक्षा
कथित तौर पर, बर्फ के कारण दोनों फिसल गए और गहरी खाई में गिर गए. घटना स्थल पर पैरों के निशान से पता चलता है कि उन्होंने खाई से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. संभवतः तेज ठंड और चोटों के कारण उनकी वहीं मृत्यु हो गई. पैराग्लाइडर और पुलिस की एक बचाव टीम को उनके शव मिले और अल्फा वहां पहरा दे रहा था. जबकि उनके पास जंगली जानवरों के हमले के संकेत थे, कुत्ते ने काले भालू और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को शव ले जाने से रोक दिया.


पेट डॉग का रो-रो कर बुरा हाल
वह उनके बगल में रोता हुआ पाया गया. एक अधिकारी ने कहा कि “अल्फा का लगातार रोना उसकी हताशा और दुःख को दर्शाता है जैसे कि वह उम्मीद कर रहा था कि टीम उसके मालिक को बचा लेगी. अल्फा को भी चोटें आई थीं, लेकिन वह बच गया और बचाव दल के उस स्‍थान पर पहुंचने तक 48 घंटों तक वो शवों की रक्षा करता रहा.”

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