ट्रेन और बस के टिकट की तरह यहां बुक होता है मटन, 3 घंटे में बिक जाते 40 केजी

 शिखा श्रेया/रांची.फेस्टिव सीजन अब खत्म हो चुका है और सारे महत्वपूर्ण त्यौहार भी समाप्त हो चुके हैं.ऐसे में अब लोग एक से बढ़कर एक नॉनवेज वैरायटी खाना चाहते हैं.क्योंकि त्यौहार के सीजन में अक्सर लोगों के घर में नॉनवेज खाने की मनाही होती है.तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची में मिलने वाली कढ़ाई मटन के बारे में.

हांडी मटन तो आपने बड़ा सुना होगा लेकिन यहां के कढ़ाई मटन खाने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती है.  हम बात कर रहे हैं रांची के पांड्रा स्थित मां भोजनालय की. यहां सुबह 6 बजे से ही मटन बनाना शुरू हो जाता है. यह मटन बनने में करीबन 2 से 3 घंटे का समय लगता हैं. सुबह के 6 बजे से प्रिपरेशन चालू हो जाता है और 10 बजे तक मटन बनाकर तैयार हो जाता है.

30 तरह के मसालों से होता है तैयार
शॉप के संचालक मनोज ने कहा कि मैं मटन खाने का शुरू से काफी शौकीन रहा हूं.पहले मैं ठेकेदार था लेकिन मैं घर पर मटन बहुत अच्छा बनाया करता था. मैं अपने घर में अपनी दादी नानी को देखा था कि वह खड़े मसाले को अपने हाथों से भूँज कर पिसती थी.करीबन 30 तरह के मसाले का मिश्रण होता था और वह मसाले स्टोर करके रख दिया करती थी. जो तो दो से तीन महीने तक चलता था. वह मटन बनाने के लिए इस मसाले का इस्तेमाल करती थी और स्वाद बड़ा लाजवाब आता था. मैंने भी अपनी नानी वाले नुस्खे को ही अपनाता हूं. बाजार से खड़े मसाले लाता हूं और अपनी आंखों के सामने सिलबट्टे पर पिस्वाता हूं.इसमें बड़ी इलायची, छोटी इलायची, गोलमिर्च, जीरा, सौंफ, अजवाइन,बड़ी दालचीनी, लॉन्ग, तेज पत्ता, गरम मसाला पत्ता जैसी कई चीज मिली होती है.

सब मसाले का कमाल
मनोज बताते हैं अक्सर लोग हांडी मटन खाना पसंद करते हैं. मैं यहां कढ़ाई मटन बनाता हूं. अल्मुनियम के कढ़ाई में भी मटन काफी स्वादिष्ट बनता है और बनने में समय कम लगता है. असल स्वाद तो मसाला का होता है.हम बाजार से खरीदा हुआ एक भी मसाले का इस्तेमाल नहीं करते.यही कारण है कि यहां का मटन खाने के बाद आपको अपनी दादी नानी के हाथ के मटन की याद आ जायेगी. उन्होंने आगे बताया मटन को सबसे पहले दही और मसाले के साथ में मैरीनेट कर 1 घंटे तक छोड़ दिया जाता है.इससे सारे मसाले का फ्लेवर मटन में अच्छी तरह मिलता है.फिर कढ़ाई में तेल डालकर अच्छे से फ्राई किया जाता है.यह पूरा प्रोसेस में करीब दो से तीन घंटे का समय लगता है. यह मटन खाने के लिए सुबह 9:00 बजे से ही लोगों का आना शुरू हो जाता है. कई बार तो लोग मटन बुक करा कर भी जाते हैं. ताकि बाद में आने पर उन्हें मटन के अच्छे पीस मिल सके.

यह है कीमत
अगर कीमत की बात करें तो यहां पर आपको 200 रुपए प्लेट मटन मिलेगा. 200 रुपए में चार पीस मटन के साथ अनलिमिटेड चावल, सलाद, आचार और पापड़ भी.साथ ही यहां हाफ प्लेट 120 रुपए का है.जिसमें दो पीस मटन और अनलिमिटेड चावल है. यहां मात्र सुबह 9:00 से 12:00 बजे के बीच ही 40 केजी तक मटन की खपत हो जाती है.

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